नई दिल्ली। देश से माल का निर्यात वर्ष 2027-28 तक 1 लाख करोड़ डॉलर यानि 1000 अरब डॉलर तक पहुंच जाने की उम्मीद है और सरकार ने इस आंकड़े को हासिल करने के लिए रूप रेखा भी तय कर ली है। वाणिज्य सचिव बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने बुधवार को यह बात कही। वाणिज्य मंत्रालय चालू वित्तीय वर्ष में 419 अरब डॉलर निर्यात का लक्ष्य लेकर चल रहा है। इसके लिए एक विस्तृत विश्लेषण किया गया है। इस लक्ष्य को राष्ट्रीय स्तर पर 31 वस्तुओं, क्षेत्र और राज्यों के स्तर पर बांटा गया है। सचिव ने कहा कि पिछले 10 वर्षों से भारतीय निर्यात लगभग 290 अरब डॉलर से 330 अरब डॉलर के बीच ऊपर-नीचे होता रहा है।
सुब्रह्मण्यम ने उद्योग मंडल सीआईआई द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘हमने 500 अरब डॉलर निर्यात लक्ष्य को हासिल करने के लिए वास्तव में एक रूप रेखा तय कर ली है। 1000 अरब डॉलर के निर्यात लक्ष्य को किस तरह प्राप्त किया जाए, उस पर भी काम कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि इसके अलावा सेवाओं के निर्यात को बढ़ाने को लेकर भी काम जारी है। वर्ष 2027-28 तक सेवा क्षेत्र के निर्यात का 700 अरब डॉलर पर पहुंचने की उम्मीद है। सचिव ने इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार द्वारा लिए जा रहे क़दमों के बारे में बताते हुए कहा कि निर्यात प्रोत्साहन योजना मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट्स फ्रॉम इंडिया स्कीम (एमईआईएस) और सर्विसेज एक्सपोर्ट्स फ्रॉम इंडिया स्कीम (एसईआईएस) अब बंद कर दी गई हैं। उन्होंने कहा कि सरकार निर्यात उत्पादों पर शुल्क और कर (आरओडीटीईपी) दरों में छूट को लेकर शुक्रवार तक जानकारी देगी।
उन्होंने कहा कि इसी तरह वस्त्रों के लिए राज्य और केंद्रीय करों एवं शुल्क योजना (आरओएससीटीएल) के तहत दी जानी वाली छूट को एक या दो दिन में अधिसूचित कर दिया जाएगा। इससे निर्यात को बड़ा बढ़ावा मिलेगा।
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