नई दिल्ली। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को कहा कि भारत के निर्यात में सुधार के संकेत मिल रहे हैं और जून में अब तक निर्यात में सालाना आधार पर लगभग 10-12 प्रतिशत की गिरावट है, जबकि अप्रैल में यह आंकड़ा 60 प्रतिशत था। महामारी के बाद से भारत का निर्यात लगातार तीसरे महीने घटा था। मई में निर्यात 19.05 अरब डॉलर रहा, जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 36.47 प्रतिशत कम है।
केंद्रीय मंत्री ने सीआईआई के कार्यक्रम में कहा, ‘‘इस समय हम जून में लगभग 10-12 प्रतिशत पीछे हैं। इसलिए एक मायने में हम चालू महीने के पहले दो सप्ताह के दौरान जून 2019 के निर्यात स्तर के मुकाबले 88-90 प्रतिशत तक पहुंच चुके हैं। मैं तीसरे सप्ताह (जून के) के आंकड़ों का इंतजार कर रहा हूं।’’
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार का जोर टिकाऊ विकास पर है। उन्होंने कहा कि सब्सिडी कारोबार के लिए कभी अच्छी नहीं होती है और घरेलू निर्यातकों को पूरी ताकत के साथ दुनिया से जोड़ने में मदद नहीं करती है। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि लगभग सभी क्षेत्र विदेशी निवेशकों के लिए खुले हैं, लेकिन मंत्रालय अन्य विचारों पर विचार करने के लिए भी तैयार है। उन्होंने कहा, ‘‘मल्टी ब्रांड रिटेल में हमारे पास कुछ अड़चनें हैं क्योंकि भारतीयों का एक बड़ा हिस्सा छोटे किराना दुकानों पर निर्भर है।’’ उन्होंने कहा कि इन दुकानों ने जरूरी सामान की आपूर्ति जारी रखी है और कोरोना वायरस महामारी के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
गोयल ने कहा, ‘‘बीमा क्षेत्र में हमारी बीमा कंपनियों से अपेक्षाएं कहीं अधिक थीं, लेकिन हमें दुख की बात है कि हम निराश महसूस करते हैं। इसलिए कुछ ऐसे क्षेत्र हैं, जहां हम चाहेंगे कि आप हमें सुझाव दें।’’ उन्होंने कहा कि एफडीआई का स्वागत है, लेकिन हमें सावधान रहना होगा कि गलत तरह की पूंजी न आ जाए जो अवसरवादी हो और जो वास्तव में देश के लिए अच्छी न हो।