नई दिल्ली। वैश्विक मांग में कमी और पेट्रोलियम व इंजीनियरिंग उत्पादों के निर्यात में गिरावट के चलते देश का निर्यात मार्च में 5.47 फीसदी घटकर 22.71 अरब डॉलर रह गया। इस तरह से निर्यात में लगातार 16वें महीने गिरावट दर्ज की गई है। पिछले महीने व्यापार घाटा भी घटकर 5.07 अरब डॉलर रहा। हालांकि इस दौरान आयात भी कम हुआ और यह 27.78 अरब डॉलर रहा। मार्च 2015 में आयात और निर्यात के बीच व्यापार अंतर 11.39 अरब डॉलर रहा था।
वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि निर्यात में यह कमी अन्य प्रमुख वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं के रुख के अनुरूप ही है। मंत्रालय ने कहा, विश्व व्यापार संगठन के आंकड़ों के मुताबिक सालाना आधार पर जनवरी 2016 में निर्यात की वृद्धि में गिरावट अमेरिका में 10.81 फीसदी, यूरोपीय संघ में 7.4 फीसदी, चीन में 11.37 फीसदी और जापान में 12.85 फीसदी रही। जहां देश के सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि हुई और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश भी लगातार बढ़ रहा है वहीं निर्यात क्षेत्र कई महीनों से अब तक कमजोर बना हुआ है।
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वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसी सप्ताहांत वॉशिंगटन में कहा था कि, वैश्विक मांग में कमी के चलते निर्यात में लगातार लगभग एक साल से भी अधिक समय से गिरावट आ रही है, जो कि चिंता का सबब है। मार्च में पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात 21.43 फीसदी गिरकर 2.07 अरब डॉलर रहा, वहीं इंजीनियरिंग उत्पाद का निर्यात 11.29 फीसदी गिरावट के साथ 5.34 अरब डॉलर रहा। संपूर्ण वित्त वर्ष (अप्रैल 2015 से मार्च 2016) के बीच कुल निर्यात में 15.85 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई और यह 261.13 अरब डॉलर रहा, जो वित्त वर्ष 2014-15 में 310.3 अरब डॉलर था।
इस साल आयात में भी 15.28 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई और यह 379.6 अरब डॉलर रहा और व्यापार घाटा 118.45 अरब डॉलर रहा। वर्ष 2014-15 में व्यापार घाटा 137.69 अरब डॉलर था। पिछले महीने 4.79 अरब डॉलर का तेल आयात हुआ, जो पिछले साल इसी महीने में हुए आयात से 35.3 फीसदी कम रहा। गैर-तेल आयात भी 17.92 फीसदी गिरकर 22.98 अरब डॉलर रहा। मार्च में सोने के आयात में भी 80.48 फीसदी की गिरावट देखी गई और यह 97.296 करोड़ डॉलर रहा, जबकि पिछले साल इसी समयावधि में यह 4.98 अरब डॉलर रहा था।