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सेज की निर्यातक इकाइयों को उत्पादों में मूल्यवर्धन के हिसाब से मिले प्रोत्साहन, तेजी से बढ़ रहा है परिधान निर्यात

विभिन्न राज्यों द्वारा लॉकडाउन अंकुशों में ढील से परिधान निर्यात को तेजी से बढ़ाने में मदद मिलेगी और यह जल्द कोविड-19 से पूर्व के स्तर पर पहुंच जाएगा।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: July 03, 2021 14:31 IST
Exporting units of SEZs should be incentivised on degree of value addition- India TV Paisa
Photo:FILE PHOTO

Exporting units of SEZs should be incentivised on degree of value addition

नई दिल्ली। भारत व्यापार संवर्द्धन परिषद (टीपीसीआई) ने कहा है कि विशेष आर्थिक क्षेत्रों (सेज) की निर्यातक इकाइयों को उनके द्वारा उत्पाद में किए गए मूल्यवर्धन के हिसाब से प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए। इससे निर्यात को बढ़ावा मिलेगा और इन क्षेत्रों में निवेश आकर्षित किया जा सकेगा।

टीपीसीआई के संस्थापक चेयरमैन मोहित सिंगला ने कहा कि जब घरेलू शुल्क क्षेत्र (डीटीए) में वस्तुओं की बिक्री की बात आती है, तो सेज का निर्यातक तथा विदेशी निर्यातक एक समान माने जाते हैं। सेज पर टीपीसीआई के वेबिनार को संबोधित करते हुए सिंगला ने कहा कि ऐसे में सेज के निर्यातक को उसके द्वारा उत्पाद में किए गए मूल्यवर्धन के हिसाब से प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए। सिंगला ने कहा कि उसे कच्चे माल का आयात शून्य शुल्क पर करने की अनुमति होनी चाहिए और साथ ही मूल्यवर्धन के अनुपात में उसे शुल्क छूट मिलनी चाहिए। इससे अन्य देशों से उत्पाद आयात करने की तुलना में वह बेहतर स्थिति में रहेगा।

क्षेत्रीय विकास आयुक्त, विशाखापत्तनम ए आर एम रेड्डी ने कहा कि भारत में सेज का प्रदर्शन काफी अच्छा है। इन क्षेत्रों से निर्यात लगातार बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों से निर्यात 2005-06 में 23,000 करोड़ रुपये रहा था, जो महामारी के बावजूद 2020-21 में बढ़कर 5.53 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। देश के कुल निर्यात में सेज और निर्यातोन्मुख इकाइयों (ईओयू) का हिस्सा करीब 30 प्रतिशत है। 

तेजी से बढ़ रहा है परिधान निर्यात

विभिन्न राज्यों द्वारा लॉकडाउन अंकुशों में ढील से परिधान निर्यात को तेजी से बढ़ाने में मदद मिलेगी और यह जल्द कोविड-19 से पूर्व के स्तर पर पहुंच जाएगा। परिधान निर्यात संवर्द्धन परिषद (एईपीसी) के चेयरमैन ए शक्तिवेल ने शनिवार को यह राय व्यक्त की। शक्तिवेल ने कहा कि कुल वैश्विक मांग मजबूत बनी हुई है, लेकिन देश के विभिन्न हिस्सों में लॉकडाउन से कारखाने आंशिक रूप से बंद हैं। उन्होंने कहा कि संक्रमण के मामलों में कमी तथा आर्थिक गतिविधियां फिर शुरू होने के बाद भारत मजबूत निर्यात वृद्धि हासिल करने की स्थिति में है।

शक्तिवेल ने कहा कि अर्थव्यवस्था के फिर खुलने के बाद परिधान निर्यात तेजी से बढ़ेगा और जल्द यह महामारी के पूर्व के स्तर को पार कर जाएगा। उन्होंने कहा कि घरेलू मांग में सुधार तक भारतीय अर्थव्यवस्था का पुनरुद्धार निर्यात पर निर्भर करेगा। इस मामले में निर्यातकों की अगुवाई सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रम (एमएसएमई) करेंगे।

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