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चालू सत्र में चीनी के निर्यात से घरेलू मांग में कमी की भरपाई संभव: क्रिसिल

होटल, रेस्टोरेंट बंद होने से चालू सत्र में चीनी की औद्योगिक मांग 8-9 प्रतिशत कम रहने का अनुमान

Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: August 19, 2020 21:01 IST
sugar demand- India TV Paisa
Photo:GOOGLE

sugar demand

नई दिल्ली। कोविड​​-19 महामारी के कारण उत्पन्न बाधाओं के बावजूद चालू चीनी सत्र (अक्टूबर 2019- सितंबर 2020) में चीनी की खपत स्थिर बने रहने की संभावना है। इस दौरान चीनी निर्यात बढ़ने से घरेलू खपत में आई कमी की काफी कुछ भरपाई होने की उम्मीद है। क्रिसिल रिसर्च की रिपोर्ट में ये अनुमान दिया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक चीनी की कुल घरेलू खपत में 60 प्रतिशत हिस्सा औद्योगिक मांग का है। यह औद्योगिक मांग चालू चीनी सत्र में 8-9 प्रतिशत कम रहने का अनुमान है क्योंकि होटल, रेस्तरां और कैफे बंद हैं और लोग भीड़ वाले स्थानों पर जाने से बच रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि, शेष 40 प्रतिशत चीनी की घरेलू खपत होती है। यह घरेलू खपत सिर्फ 2-3 प्रतिशत ही कम होगी क्योंकि लोगों के लंबे समय तक घरों में ही रहने से इस दौरान बिस्कुट और बेकरी उत्पादों की खपत बढ़ी है। इसके अलावा, संक्रमण के डर से उपभोक्ताओं के बीच आने वाले त्योहारी मौसम में खुली मिठाइयों के स्थान पर चॉकलेट और कुकीज जैसे पैकेटबंद मीठे उत्पाद को तरजीह दिये जाने की संभावना है।

क्रिसिल ने कहा, हालांकि, कुल घरेलू मांग में आने वाली कमी, निर्यात के मुकाबले अधिक होगी। चीनी सत्र 2020 में चीनी निर्यात 30 प्रतिशत से ज्यादा बढ़कर 50 लाख टन रहने की संभावना है। मुख्य रूप से थाईलैंड में चीनी का उत्पादन कम रहने के कारण इस देश से आयात करने वाले मुख्य आयातक देशों इंडोनेशिया, केन्या, बांग्लादेश, अफगानिस्तान और ईरान भी भारत से आयात कर अपनी घरेलू खपत को पूरा कर रहे हैं। अक्टूबर से शुरू होने वाले नये मार्केटिंग वर्ष 2020-21 में चीनी उत्पादन 305 लाख टन रहने का अनुमान है जबकि सितंबर 2020 में समाप्त होने वाले चालू चीनी सत्र में यह उत्पादन 272 लाख टन रहने का अनुमान लगाया गया है।

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