नई दिल्ली। विशेषज्ञों और अर्थशास्त्रियों ने रोजगार सृजन, कृषि और कौशल विकास के मुद्दे पर आज यहां नीति आयोग में गहन विचार-विमर्श किया। ये विशेषज्ञ आज ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बजट के बारे में अपने सुझाव देने से पहले इन विषयों पर चर्चा में लगे थे।
सूत्रों के अनुसार आयोग ने विभिन्न क्षेत्रों के लिए नई पहल और बजट संबंधी सुझावों पर विचार-विमर्श के लिए विशेषज्ञों के चार-पांच अलग-अलग समूह बनाए हैं।
बैठक का उद्देश्य नोटबंदी के प्रतिकूल प्रभावों को दूर करने, आर्थिक वृद्धि तेज करने और रोजगार सृजन तथा कृषि उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिए ठोस सुझाव तैयार करना है।
- विचार-विमर्श के बाद सुझाव तैयार होने पर इन्हें बाद में प्रधानमंत्री के समक्ष रखा जाएगा।
- नीति आयोग का अध्यक्ष होने के नाते प्रधानमंत्री ने अर्थव्यवस्था के हालात का जायजा लेने और नोटबंदी के बाद नकदी समस्या से निपटने के सुझाव देने के बारे में विशेषज्ञों की बैठक बुलाई है।
- इस बैठक की विषयवस्तु आर्थिक नीतियों में सुधार, आगे का रास्ता है।
- सूत्रों ने बताया कि बैठक में करीब 15 लोगों को आमंत्रित किया गया है। रिजर्व बैंक सहित विभिन्न बहुपक्षीय एजेंसियों ने चालू वित्त वर्ष के दौरान भारत की आर्थिक वृद्धि कम रहने का अनुमान व्यक्त किया है।
- रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के वृद्धि अनुमान को पहले के 7.6 प्रतिशत से घटाकर 7.1 प्रतिशत कर दिया। इस लिहाज से यह बैठक काफी अहम है।
- एशियाई विकास बैंक ने भी भारत की वृद्धि दर को पहले के 7.4 प्रतिशत से घटाकर 7 प्रतिशत कर दिया है।
- सरकार द्वारा बड़े नोटों को अचानक चलन से हटा लिए जाने के बाद आर्थिक गतिविधियों पर प्रभाव पड़ने की वजह से विभिन्न एजेंसियों ने वृद्धि के अनुमान की समीक्षा की है।
- चालू वित्त वर्ष की पहली दो तिमाहियों में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर क्रमश: 7.1 और 7.3 प्रतिशत रही है।
- अधिकारियों के मुताबिक बैठक में प्रधानमंत्री नीति आयोग द्वारा की जारी विभिन्न पहलों में हुई प्रगति की भी जानकारी लेंगे।
- डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए की जा रही पहल जैसे लकी ग्राहक योजना और डिजिधन व्यापार योजना के बारे में प्रधानमंत्री को जानकारी दी जाएगी।