नई दिल्ली: उद्योग संगठन पीएचडीसीसीआई ने शनिवार को कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 की तीसरी और चौथी तिमाही में देश की जीडीपी में रिकार्ड वृद्धि होने की उम्मीद है और पिछले 10 महीनों के दौरान सरकार द्वारा किए गए विभिन्न सुधारों के चलते अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है। संगठन ने एक बयान में कहा कि उसके द्वारा क्यूईटी (त्वरित आर्थिक रुझान) के 10 संकेतकों में नौ सकारात्मक हैं। क्यूईटी आर्थिक और व्यावसायिक गतिविधि की निगरानी संबंधी संकेतक हैं, जिसकी निगरानी पीएचडीसीसीआई करती है।
भारतीय अर्थव्यवस्था में जून तिमाही के दौरान रिकॉर्ड 23.9 फीसदी की गिरावट हुई थी, जबकि दूसरी तिमाही में 7.5 फीसदी की गिरावट हुई। पीएचडीसीसीआई ने कहा कि पिछले 10 महीनों में सरकार द्वारा किए गए विभिन्न सुधारों के साथ ही निवेश और मांग को बढ़ाने के लिए किए गए उपायों तथा आम बजट के चलते वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी और तीसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि के जोरदार होने की उम्मीद है।
बयान में कहा गया है कि बेरोजगारी दर, शेयर बाजार, जीएसटी संग्रह, विनिर्माण पीएमआई, विदेशी मुद्रा भंडार, रेलवे माल ढुलाई, वस्तुओं निर्यात, विनिमय दर और यात्री वाहनों की बिक्री जैसे आर्थिक तथा कारोबारी संकेतकों का रुख दिसंबर 2020 की तुलना में जनवरी 2021 में सकारात्मक है।