मुंबई। देश की अर्थव्यवस्था में मार्च में समाप्त तिमाही के दौरान मामूली वृद्धि की उम्मीद है। इस दौरान सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) वृद्धि 7.2 फीसदी रहने का अनुमान है जो कि इससे पिछली तिमाही में 7.1 फीसदी रही थी। घरेलू रेटिंग एजेंसी इक्रा ने यह बात कही। इक्रा की वरिष्ठ अर्थशास्त्री आदिति नायर ने कहा, हम मूलभूत मूल्यों पर जीवीए की वृद्धि में मामूली वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं। मार्च में यह 7.2 फीसदी रह सकती है जो कि सीएसओ द्वारा दिसंबर तिमाही के 7.1 फीसदी वृद्धि के शुरुआती अनुमान से थोड़ा अधिक है।
सरकार पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही और पूरे साल के दौरान वृद्धि के आंकड़े अगले सप्ताह जारी करेगी। नायर ने आगे कहा कि यदि मार्च तिमाही में यह वृद्धि दर्ज की जाती है तो यह पिछले तीन सालों के दौरान दिसंबर तिमाही के मुकाबले मार्च तिमाही में आई गिरावट के रूख के उलट होगा।
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चौथी तिमाही के दौरान इक्रा को कृषि, वानिकी और मछली पालन क्षेत्र में 0.2 फीसदी वृद्धि की उम्मीद है जबकि दिसंबर तिमाही में इस क्षेत्र में एक फीसदी गिरावट दर्ज की गई थी। एजेंसी ने आगे कहा कि दिसंबर तिमाही में खरीफ फसलों की कमी से जीवीए की वृद्धि प्रभावित हुई थी। उसके उलट तीसरे अग्रिम अनुमान में रबी मौसम में गेहूं, तिलहन और दलहन के उत्पादन में सुधार देखा गया है।
यह सुधार इससे पिछले वर्ष के अंतिम अनुमानों के मुकाबले देखा गया है। हालांकि, इस दौरान रबी फसल की बुवाई भी कम रही और वर्षा एवं जमीन की नमी का सतर पर काफी प्रतिकूल रहा था। मार्च तिमाही में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि कम होकर 9 फीसदी रहने का अनुमान है जो कि इससे पिछली तिमाही में 12.6 फीसदी रही थी। सेवा क्षेत्र की वृद्धि भी मामूली कम होकर 9.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है। इससे पिछली तिमाही में यह 9.4 फीसदी रही थी।
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