नई दिल्ली। भारतीय रेलवे को झरिया कोयला खान से निकासी पर 2,500 करोड़ रुपए सालाना नुकसान की संभावना है क्योंकि इस क्षेत्र की खानों में अंदरूनी आग लगने पर इसके आसपास के क्षेत्र की जमीन धंसनी शुरू हो गई है और इससे चंद्रपुरा और धनबाद के बीच 41 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन बंद होने की संभावना है। इस रेलवे लाइन पर 15 जून से परिचालन पूरी तरह ठप हो जाएगी।
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झारखंड में इस रेलखंड के बंद होने से 37 यात्री और मालवाहक गाडि़यों की आवाजाही प्रभावित होगी और इससे प्रतिदिन सात करोड़ रुपए का नुकसान होगा। उल्लेखनीय है कि झरिया देश के सबसे बड़े कोयला खान क्षेत्रों में से एक है। 1916 से अब तक इस क्षेत्र में अंदरूनी आग के करीब 80 मामले सामने आ चुके हैं।
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पिछले महीने इस संबंध में प्रधानमंत्री कार्यालय ने रेल मंत्रालय, कोयला मंत्रालय और झारखंड सरकार की एक बैठक बुलाई थी और सरकार सैद्धांतिक तौर पर रेलवे लाइनों को स्थानांतरित करने पर सहमत हो गई है। इस बैठक में भाग लेने वाले रेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि हमें इस क्षेत्र से निकास करने पर विचार करने को कहा गया है और धनबाद-चंद्रपुरा लाइन को स्थानांतरित करने के लिए कहा गया है।