नयी दिल्ली: वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को कहा कि मौजूदा विदेश व्यापार नीति (एफटीपी) अगले साल 31 मार्च तक चलती रहेगी। सरकार ने इससे पहले कोविड-19 संकट के कारण एफटीपी 2015-20 को इस साल 30 सितंबर तक बढ़ाया था। विदेश व्यापार नीति आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने और रोजगार के अवसर तैयार करने के लिए निर्यात बढ़ाने को लेकर दिशानिर्देश उपलब्ध कराती है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम इसे आज शाम या कल अधिसूचित कर रहे हैं। हमने 31 मार्च (2022) तक नीति का विस्तार करने का फैसला किया है और (नए) वित्त वर्ष में हम नई नीति के साथ शुरुआत कर सकते हैं।’’ गोयल ने उम्मीद जताई कि उस समय तक कोविड-19 की समस्या का समाधान हो जाएगा। सरकार ने इससे पहले 31 मार्च 2020 को कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप और लॉकडाउन के बीच विदेश व्यापार नीति 2015-20 को 31 मार्च 2021 तक बढ़ा दिया था।
इसके बाद अब इसका कार्यकाल एक साल और मार्च 2022 तक के लिये बढ़ा दिया गया है। एफटीपी के तहत सरकार शुल्क मुक्त आयात की अनुमति (डीएफआईए) और निर्यात संवर्धन से जुड़ी पूंजीगत माल (ईपीसीजी) जैसी विभिन्न योजनाओं के जरिए प्रोत्साहन देती है। गोयल ने कहा कि अप्रैल- 21 सितंबर, 2021 की अवधि में देश का निर्यात 185 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक रहा है। उन्होंने कहा कि रुझानों के अनुसार देश चालू वित्त वर्ष में 400 अरब अमेरिकी डॉलर का निर्यात लक्ष्य हासिल कर लेगा।
मंत्री ने यह विश्वास भी जताया कि आने वाले वर्षों में वस्तुओं और सेवाओं का कुल निर्यात 1,000 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का लक्ष्य संभव है। उन्होंने कहा, ‘‘हम हितधारकों के साथ निर्यात को 2,000 अरब अमेरिकी डॉलर (वस्तुओं और सेवाओं) तक ले जाने के लिए एक मसौदे पर काम कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि भारत को व्यापार घाटे से व्यापार अधिशेष की ओर बढ़ने की जरूरत है। गोयल ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) पर कहा कि भारत में रिकॉर्ड प्रवाह हुआ है और ‘‘हमें उम्मीद है कि यह रुझान जारी रहेगा।’’ मंत्री ने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि हर कोई ईमानदारी से अपना कारोबार चलाए और बढ़ाए। इससे अधिक जवाबदेही भी सुनिश्चित होगी।’’ उन्होंने ‘ईज ऑफ लॉजिस्टिक्स पोर्टल’ www.easeoflogistics.com शुरुआत भी की।