नई दिल्ली। पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ने से सरकार को अतिरिक्त 10 हजार करोड़ रुपए की राशि हासिल होगी। इससे सरकार के विनिवेश और डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में कमी को पूरा करने में मदद मिलेगी। लेकिन यदि सरकार एक्साइज ड्यूटी नहीं बढ़ाती तो दिल्ली में पेट्रोल 49.05 रुपए प्रति लीटर और डीजल 35.06 रुपए प्रति लीटर की दर से बिक रहा होता। वर्तमान में पेट्रोल 59.35 रुपए प्रति लीटर और डीजल 45.03 रुपए प्रति लीटर बिक रहा है।
पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने से सरकार को चालू वित्त वर्ष के अंत में राजकोषीय घाटा 3.9 फीसदी पर बनाए रखने में मदद मिलेगी। सरकार ने चालू वित्त वर्ष के दौरान सरकारी कंपनियों में विनिवेश के जरिये 69,500 करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा था, लेकिन अभी तक केवल 12,700 करोड़ रुपए ही जुटाए जा सके हैं। चालू वित्त वर्ष के शेष तीन माह में कोई बड़ा विनिवेश होने की संभावना नहीं दिखाई पड़ रही है। वित्त मंत्रालय ने कहा है कि विनिवेश लक्ष्य में 50 हजार करोड़ और डायरेक्ट टैक्स में 30 से 40 हजार करोड़ रुपए की कमी आने की आशंका है। मंत्रालय का कहना है कि इनडायरेक्ट टैक्स बढ़ने और नॉन-टैक्स रेवेन्यू अधिक आने से इस कमी को पूरा किया जा सकता है।
पिछले दो माह में सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर तीसरी बार एक्साइज ड्यूटी को बढ़ाया है। नवंबर 2014 के बाद यह सातवीं बढ़ोत्तरी है। तीन बार एक्साइज ड्यूटी बढ़ने से पेट्रोल पर 2.27 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 3.47 रुपए प्रति लीटर ड्यूटी बढ़ी है। इससे सरकार को वित्त वर्ष के शेष महीनों के दौरान अतिरिक्त 10 हजार करोड़ रुपए का राजस्व हासिल होगा। नवंबर 2014 से जनवरी 2015 के दौरान चार बार बढ़ाई गई एक्साइज ड्यूटी से पेट्रोल पर 10.02 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 9.97 रुपए प्रति लीटर ड्यूटी बढ़ी है। अप्रैल-नवंबर के दौरान इनडायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 34 फीसदी वृद्धि के साथ 4.38 लाख करोड़ रुपए रहा है। वहीं डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन इस दौरान 12.63 फीसदी वृद्धि के साथ 3.69 लाख करोड़ रुपए रहा है।