नई दिल्ली। भारत में जापान की कंपनियां किस रफ्तार से अपना निवेश बढ़ा रही हैं इसका अंदाजा जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे की भारत यात्रा से पहले दिए गए बयान से लगाया जा सकता है। शिंजो आबे ने अपने बयान में कहा है कि भारत में जापानी कंपनियों का निवेश लगातार बढ़ रहा है। हर साल जापान की करीब 100 कंपनियां भारत में अपना निवेश करने आ रही हैं, पिछले साल अक्टूबर तक जापान की 1305 कंपनियां भारत में कारोबार करने के लिए पहुंच चुकी हैं।
भारत में जापान की कंपनियों को कारोबार के लिए जहां बड़ा बाजार मिलता है वहीं सस्ती लागत होने की वजह से इन कंपनियों को फायदा भी होता है। भारत में सबसे बड़ी पैसेंजर कार कंपनी मारूति है जिसके पेरेंट कंपनी जापान की सुजुकी है। मारुति ने भारत में अपना कारोबार इतना ज्यादा फैला लिया है कि उसकी मार्केट व्ल्युएशन उसकी पेरेंट कंपनी सुजुकी से भी ज्यादा हो चुकी है।
कार्पोरेट मामलों के मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक दिसंबर 2014 तक भारत में कुल 4,170 विदेशी कंपनियां हैं, सबसे ज्यादा विदेशी कंपनियां कम्युनिटी और सोशल सर्विस सेक्टर में हैं। इन विदेशी कंपनियों में बहुत बड़ा हिस्सा जापानी कंपनियों का है।
जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे की इस बार की भारत यात्रा का मुख्य मकसद बुलेट ट्रेन का प्रोजेक्ट है। गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापानी पीएम बुलेट ट्रेन के प्रोजेक्ट की आधारशिला रखेंगे। मुंबई से अहमदाबाद के बीच चलने वाली बुलेट ट्रेन के प्रोजेक्ट को जापान आर्थिक मदद मुहैया करा रहा है।