नई दिल्ली: सरकार ने कहा है कि भारत के नए उदारीकृत पेट्रोल पंप लाइसेंसिंग नियमों के अनुसार पेट्रोल पंप मालिकों को पेट्रोल और डीजल की बिक्री शुरू करने से पहले ही ईवी चार्जिंग स्टेशन और सीएनजी आउटलेट स्थापित करने की अनुमति दी गई है। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने अपने आठ नवंबर, 2019 के आदेश के स्पष्टीकरण में कहा कि नई संस्थाओं द्वारा पेट्रोल पंप स्थापित करने के मानदंडों में ढील दी गई है। इस आदेश में पेट्रोल पंपों के लिए एक नए वैकल्पिक ईंधन जैसे सीएनजी, एलएनजी या पेट्रोल और डीजल की खुदरा बिक्री के साथ-साथ इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग पॉइंट स्थापित करने का प्रावधान किया गया है।
मंत्रालय ने पांच अक्टूबर के नोटिस में कहा, ‘‘हालांकि एक अधिकृत इकाई को पेट्रोल और डीजल के लिए अपने खुदरा आउटलेट स्थापित करने की आवश्यकता है उक्त इकाई को प्रस्तावित खुदरा आउटलेट पर कम से कम एक नए वैकल्पिक ईंधन जैसे सीएनजी, जैव ईंधन, एलएनजी की बिक्री के साथ-साथ इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग पॉइंट आदि के लिए सुविधाएं स्थापित करनी होंगी।’’ इसमें कहा गया कि 2019 का आदेश हालांकि उस आदेश को निर्धारित नहीं करता है जिसमें पारंपरिक ईंधन (पेट्रोल और डीजल) और नए युग के वैकल्पिक ईंधन का वितरण शुरू किया जाएगा। यानी जैव ईंधन और सीएनजी की बिक्री, ईवी चार्जिंग स्टेशन को पेट्रोल और डीजल की बिक्री से पहले शुरू किया जा सकता है।’’
नया उदारीकृत नियम न्यूनतम 250 करोड़ रुपये के नेटवर्थ वाली कंपनी को पेट्रोल और डीजल की खुदरा बिक्री के लिए आवेदन करने की अनुमति देता है। नवंबर, 2019 की नीति के तहत अब तक रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, आईएमसी लिमिटेड, ऑनसाइट एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड, असम गैस कंपनी, एम के एग्रोटेक, आरबीएमएल सॉल्यूशंस इंडिया लिमिटेड और मानस एग्रो इंडस्ट्रीज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर को पेट्रोल पंप लाइसेंस दिया गया है।
आरआईएल के पास पहले से ही एक ईंधन खुदरा बिक्री लाइसेंस था, जिसके तहत उसने देश में 1,400 से अधिक पेट्रोल पंप स्थापित किए थे। लेकिन यह लाइसेंस उसकी अनुषंगी रिलायंस बीपी मोबिलिटी (आरबीएमएल) को स्थानांतरित कर दिया गया। इसलिए मुकेश अंबानी की कंपनी ने आवेदन किया और एक और लाइसेंस प्राप्त किया। बीपी के साथ फर्म का एक अलग संयुक्त उद्यम, जिसे आरबीएमएल सॉल्यूशंस इंडिया लिमिटेड कहा जाता है, को भी लाइसेंस मिला है।