नई दिल्ली। भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन रजनीश कुमार ने सोमवार को कहा कि एस्सार स्टील मामले के समाधान से चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में बैंक के मुनाफे में सुधार आने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि कुछ अन्य फंसी संपत्तियां भी दिवाला प्रक्रिया में हैं, उनके समाधान से चौथी तिमाही में सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा।
उल्लेखनीय है कि एस्सार स्टील पर वित्तीय और परिचालन कर्जदाताओं का करीब 54,000 करोड़ रुपए से अधिक का बकाया है। आर्सेलरमित्तल ने कंपनी के अधिग्रहण के लिए 42,000 करोड़ रुपए की समाधान योजना जमा की है। कर्जदाताओं की समिति (सीओसी) की ओर से स्वीकृत योजना के मुताबिक स्टेट बैंक को करीब 12,000 करोड़ रुपए मिलेंगे।
कुमार ने कहा कि दिवाला प्रक्रिया के तहत एस्सार स्टील का समाधान अर्थव्यवस्था के लिए काफी सकारात्मक है। एसबीआई चेयरमैन ने कहा कि मुझे लगता है कि सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के लिए दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) सही रास्ता नहीं है। यह बड़ी कंपनियों के लिए ज्यादा उपयुक्त है।
उन्होंने कहा कि एमएसएमई का पुनरूद्धार (फिर से खड़ा करना) किया जाना चाहिए। हम उन्हें राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) में ले जाने के पक्ष में नहीं हैं क्योंकि इससे दिवाला व्यवस्था पर बिना मतलब का बोझ पड़ेगा। उन्होंने कहा कि आगामी महीनों में एसबीआई कार्ड में हिस्सेदारी बिक्री से पूंजी आएगी।