नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने सरकारी प्रतिभूतियों, ETF तथा राज्यों को कर्ज में अपने निवेश की बीच में निकासी की नीति (एग्जिट पॉलिसी) लाने का फैसला किया है। इससे वह अपने सदस्यों को बेहतर रिटर्न दे पाएगा। फिलहाल EPFO की ऐसी कोई मध्यावधिक निकासी पालिसी नहीं है।
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संगठन मुख्य रूप से सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश करता है, जिसकी एक निश्चित परिपक्वता अवधि होती है। ईपीएफओ के निर्णय लेने वाले शीर्ष निकास केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) की 12 अप्रैल को हुई बैठक में इस मुद्दे पर विचार किया गया।
इस बैठक में सीबीटी के चेयरमैन एवं श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने न्यासियों को बाहर निकलने की नीति लाने का भरोसा दिलाया। ईपीएफओ पर अपने करीब चार करोड़ अंशधारकों को अधिक ब्याज देने का दबाव है।
EPFO के करीब 4 करोड़ सदस्यों के लिए एक अच्छी खबर है। भविष्य निधि (PF) की निकासी जैसे दावों का निपटान अब मोबाइल फोन से संभव हो सकेगा। इसके लिए, उमंग नाम से एक मोबाइल ऐप लॉन्च किया जा रहा है।