Highlights
- बोर्ड के फैसलों के मुताबिक वैकल्पिक फंड्स में निवेश की सीमा 5 प्रतिशत
- फिलहाल ईपीएफ निवेश का करीब आधा हिस्सा सरकारी सिक्योरिटी में
नई दिल्ली। सेवानिवृत्ति कोष का प्रबंधन करने वाले कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के द्वारा निवेश की जाने वाली रकम के लिये विकल्पों की संख्या और बढ़ गयी है। आज सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की बैठक निवेश से जुड़े अहम फैसले लिये गये, जिसमें ईपीएफओ को पब्लिक सेक्टर के बुनियादी ढांचा निवेश ट्रस्ट यानि इनविट्स सहित वैकल्पिक फंड्स में निवेश की अनुमति दी गयी है। ईपीएफओ सार्वजनिक क्षेत्र के बॉन्ड में भी निवेश करेगा। बोर्ड की आज की बैठक 7 महीने बाद हुई है।
केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता में ईपीएफओ की निर्णय लेने वाली शीर्ष संस्था- सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (सीबीटी) की 229वीं बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक के बाद यादव ने यह पूछने पर कि क्या ईपीएफओ निजी क्षेत्र के इनविट में निवेश करेगा, संवाददाताओं से कहा, ‘‘इस समय हमने सिर्फ नए सरकारी इंस्ट्रूमेंट (बॉन्ड और इनविट) में निवेश करने का फैसला किया है। इसके लिए कोई प्रतिशत नहीं है। यह एफआईएसी द्वारा प्रत्येक मामले के आधार पर तय किया जाएगा।’’ एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि बोर्ड ने एफआईएसी को प्रत्येक मामले के आधार पर निवेश विकल्पों पर निर्णय लेने के लिए सशक्त बनाने का निर्णय लिया। इस फैसले के बारे में समझाते हुए श्रम सचिव सुनील बर्थवाल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अगर हम उच्च ब्याज दर देना चाहते हैं, तो हमें वित्त मंत्रालय के दिशानिर्देशों का पालन करना होगा। कुछ इंस्ट्रूमेंट (नियमों में निर्धारित) हैं, जहां हम विभिन्न कारणों से निवेश करने में सक्षम नहीं थे। अब हम उन इंस्ट्रूमेंट में निवेश कर सकेंगे।’’ दरअसल सरकार ने अल्टरेनिटिव इनवेस्टमेंट फंड्स में निवेश को इसी साल मंजूरी दी है। फैसले के नोटिफिकेशन के बाद बोर्ड की ये पहली बैठक है।
बोर्ड के द्वारा लिये गये फैसलों के मुताबिक वैकल्पिक फंड्स (Alternative funds) जिसमें इनविट्स भी शामिल है, ईपीएफओ अपने सालाना जमा का 5 प्रतिशत तक निवेश कर सकता है। हालांकि सीमा के अंदर भी कितना निवेश होगा ये हर मामले में अलग अलग होगा और इसका फैसला वित्त निवेश और लेखा परीक्षा समिति द्वारा किया जायेगा। अल्टनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड्स जिसमें इनविट्स शामिल हैं, म्युचुअल फंड्स की तरह होते हैं। ये फंड्स निवेशकों से धन जुटाकर पहले से तय निवेश नीति के अनुसार निवेश करते हैं। इस समय भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) और पावर ग्रिड कॉरपोरेशन (पीजीसीआईएल) ने सार्वजनिक क्षेत्र के अवसंरचना निवेश ट्रस्ट (इनविट) की पेशकश की है।