नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) अपने चार करोड़ से अधिक अंशधारकों के लिए रियायती आवासीय योजना पर काम करने के लिए परामर्श नियुक्त करेगा। श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने कार्यक्रम के अवसर पर यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, EPFO के अंशधारकों के लिए आवासीय योजना तैयार करने के लिए शीघ्र ही एक निजी फर्म की सेवाएं ली जाएंगी। आवासीय योजना का प्रस्ताव श्रम मंत्रालय के विचाराधीन है। यह पूछे जाने पर कि इस योजना को कब तक अंतिम रूप दे दिया जाएगा मंत्री ने कहा, हम इस पर काम कर रहे हैं। हमारी इस क्षेत्र में विशेषज्ञता नहीं है। हालांकि सूत्रों ने कहा कि मसौदा योजना को EPFO के केंद्रीय न्यासी मंडल की अगले महीने होने वाली बैठक में पेश किया जा सकता है।
औद्योगिक वृद्धि के लिए श्रम सुधार जरूरी नहीं: जेटली
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) से कहा है कि औद्योगिक वृद्धि के लिए श्रम सुधार आवश्यक नहीं हैं और इन कानूनों में बदलाव सभी यूनियनों से राय लेने के बाद किया जाएगा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबद्ध संगठन बीएमएस ने यह जानकारी दी। बयान में कहा गया है कि जेटली ने बीएमएस के प्रतिनिधिमंडल को बताया कि सरकार ने यह समझा है कि देश में औद्योगिक वृद्धि के लिए श्रम सुधार जरूरी नहीं हैं। वित्त मंत्री का यह बयान इस दृष्टि से महत्वपूर्ण है कि कारोबार सुगमता के लिए पुराने कानूनों को समाप्त करने तथा श्रम सुधारों को गहनता से आगे बढ़ाने की लगातार मांग उठ रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी वॉल स्ट्रीट जर्नल के साथ साक्षात्कार में कहा है कि श्रम सुधार सिर्फ उद्योग के हित में नहीं होने चाहिए। ये श्रमिकों के हित में भी होने चाहिए। बीएमएस का प्रतिनिधिमंडल कल जेटली तथा मंत्रिस्तरीय समिति से श्रम सुधारों पर मिला था। हालांकि समिति ने पिछले साल ट्रेड यूनियनों की 2 सितंबर की हड़ताल के बाद 12 सूत्रीय मांगों पर विचार के लिए बैठक नहीं की है। बीएमएस के महासचिव विरजेश उपाध्याय ने कहा, हम जेटली की अगुवाई वाले प्रतिनिधिमंल से 12 सूत्रीय मांगों पर मिले थे। उन्होंने श्रम कानूनों में सुधार पर चर्चा के दौरान यह टिप्पणी की।
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