नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) न्यासियों की 26 जुलाई को होने वाली बैठक में एक्सचेंज ट्रेडेड फंड में अपने निवेश का हिस्सा बढ़ाने के प्रस्ताव पर विचार कर सकता है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) में निवेश की मात्रा बढ़ाने के प्रस्ताव पर ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) की 26 जुलाई को होने वाली बैठक में विचार किया जा सकता है। फिलहाल ईपीएफओ श्रमिक संगठनों के विरोध के बावजूद निवेश योग्य जमा का 5 फीसदी ईटीएफ में निवेश कर रहा है।
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अधिकारी ने कहा कि श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय पहले ही यह संकेत दे चुके हैं कि ईपीएफओ ईटीएफ में निवेश का हिस्सा बढ़ाएगा और इसे निवेश योग्य राशि का 12 प्रतिशत किया जाएगा। ईपीएफओ ने पिछले वर्ष अगस्त में ईटीएफ में निवेश शुरू किया। हालांकि ट्रेड यूनियन इस निर्णय का विरोध कर रहे हैं। ईपीएफओ ने 30 जून 2016 तक ईटीएफ में 7,468 करोड़ रुपए निवेश किया। निवेश पर रिटर्न अबतक 7.45 प्रतिशत रहा है।
ईपीएफओ ने भविष्य निधि निपटान के लिये यूएएन नियमों को शर्तों के साथ सरल बनाया
ईपीएफओ ने उन लोगों के लिये भविष्य निधि निकासी जैसे दावों के निपटान के लिये सार्वभौमिक खाता संख्या (यूएएन) देने की जरूरत के प्रावधान में ढील दी है जिन्होंने एक जनवरी 2014 से पहले सदस्यता छोड़ दी थी। ईपीएफओ ने पिछले वर्ष दिसंबर में दावे के लिये आवेदनों पर यूएएन उपलब्ध कराने को अनिवार्य कर दिया। एक अधिकारी ने कहा, जिन सदस्यों को यूएएन आबंटित नहीं किये गये, उन्हें दावे के निपटान के लिये होने वाली कठिनाइयों को देखते हुए नियमों में ढील देने का फैसला किया गया है।