नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने भविष्य निधि (पीएफ) की निकासी तथा इस राशि के वरिष्ठ पेंशन बीमा योजना में निवेश के नियमों को कड़ा कर दिया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, अब अंशधारक 54 साल की उम्र पूरी होने के बाद अपने पीएफ की निकासी के लिए दावा नहीं कर सकेंगे। अब उन्हें इसके लिए 57 साल की उम्र होने तक इंतजार करना होगा। ईपीएफओ के 5 करोड़ शेयरहोल्डर हैं।
57 साल की उम्र तक करना होगा इंतजार
पुराने नियमों के अनुसार ईपीएफओ के शेयरहोल्डर 54 साल की आयु पूरी होने के बाद अपने पीएफ खाते की 90 फीसदी राशि निकाल सकते थे। उनके दावों का निपटान सेवानिवृत्ति से एक साल पहले हो जाता था। अधिकारी ने कहा कि पहले का नियम तर्कसंगत था क्योंकि कई संस्थानों में सेवानिवृत्ति की आयु 55 या 56 साल होती थी। आज के परिदृश्य में सेवानिवृत्ति की आयु 58 साल है और अब यह योजना का यह प्रावधान तार्किक नहीं रह गया है।
ईपीएफओ ने निवेश करने के नियम को भी बदला
एक अन्य बदलाव के तहत ईपीएफओ ने अब पीएफ से निकाली गई राशि को वरिष्ठ पेंशन बीमा योजना में निवेश करने के लिए भारतीय जीवन बीमा निगम को स्थानांतरित करने के लिए आयु सीमा अनिवार्य रूप से 57 साल कर दी है। पहले इस योजना में निवेश 55 साल की उम्र में किया जा सकता था।
तस्वीरों में देखिए घर बैठे कैसे पता करें अपना पीएफ बैंलेंस
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अंतरिम ब्याज दर में कमी नहीं करेगा ईपीएफओ
श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने हाल में ही कहा कि ईपीएफओ मौजूदा वित्त वर्ष के लिए 8.8 फीसदी की अंतरिम ब्याज दर में कोई कमी नहीं करेगा। दत्तात्रेय ने कहा, हम इसमें (अंतरिम ब्याज दर में) कमी नहीं करेंगे। ब्याज दर में संशोधन करते समय देश में आर्थिक रख, विभिन्न योजनाओं की ब्याज दरों तथा सातवें वेतन आयोग को ध्यान में रखा जाएगा।