नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अंशधारक के दो महीने से अधिक समय तक बेरोजगार रहने के बाद भविष्य निधि से शत प्रतिशत राशि निकालने पर रोक लगाने वाले नए नियम के क्रियान्वयन को 30 अप्रैल तक के लिए टाल दिया। इसके तहत ईपीएफओ अंशधारक, जो दो महीने से अधिक समय से किसी रोजगार में नहीं है, वह इस माह के अंत तक भविष्य निधि से पूरी राशि निकालने के लिये आवेदन दे सकते हैं।
ईपीएफओ के एक परिपत्र के अनुसार अधिसूचनाओं के क्रियान्वयन में हो रही व्यवहारिक कठिनाइयों को देखते हुए नए प्रावधान एक मई 2016 से अमल में आएंगे। इसमें कहा गया है, अत: 30 अप्रैल तक आने वाले सभी दावों का निपटान 10 फरवरी 2016 को जारी अधिसूचना से पहले के प्रावधान के अनुरूप किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि फरवरी में ईपीएफओ ने ईपीएफ योजना 1952 में भविष्य निधि से निकासी नियमों को कड़ा कर दिया था। इसमें दावों के निपटान के लिए सेवानिवृत्त कर्मचारियों की उम्र सीमा 54 से बढ़ाकर 58 किया गया है। साथ ही अगर अंशधारक दो महीने से अधिक बेरोजगार है तो वह भविष्य निधि से अपना योगदान तथा उस पर मिले ब्याज को ही निकाल सकेगा। सदस्य परिपक्व होने पर ही नियोक्ता के योगदान की निकासी कर सकेंगे।
ऐसे जानें अपने पीएफ एकाउंट का बैलेंस
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राष्ट्रीय बचत पत्र, किसान विकास पत्र अब इलेक्ट्रॉनिक रूप में
राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र तथा किसान विकास पत्र को अब इलेक्ट्रॉनिक रूप में जारी किया जाएगा। सरकार ने पहले से छपे कागजी दसतावेज व्यवस्था को समाप्त करने का निर्णय किया है। वित्त मंत्रालय ने कहा कि किसान विकास पत्र तथा एनएससी के संदर्भ में पहले से प्रकाशित प्रमाणपत्र की मौजूदा व्यवस्था एक अप्रैल 2016 से समाप्त हो गई है और उसकी जगह राष्ट्रीय बचत पत्र (एनएससी) और किसान विकास पत्र प्रमाणपत्र इलेक्ट्रॉनिक रूप से जारी किया जाएगा। हालांकि जबतक कोर बैंकिंग प्रणाली इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप की ओर जाता है, तबतक बैंक तथा डाकघर भौतिक रूप से प्रमाणपत्र पासबुक पर रिकॉर्ड करने का विकल्प चुन सकते हैं।