यदि आप भी नौकरी पेशा हैं और कंपनी आपका पीएफ (EPF) काटती है या आप खुद अपनी मर्जी से अपना पीएफ (VPF)कटवाते हैं, तो 1 अप्रैल यानि नए वित्त वर्ष से आपके लिए नियमों में बदलाव होने जा रहा है। 1 फरवरी को पेश किए गए बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एंप्लॉयीज प्रोविडेंट फंड (EPF) और वॉलन्टरी प्रोविडेंट फंड (VPF) पर मिलने वाली ब्याज के लिए टैक्स छूट की सीमा तय करने का प्रावधान किया था। नए नियमों के तहत एक साल में 2.5 लाख रुपये से अधिक कंट्रीब्यूशन करने पर अब मिलने वाली ब्याज की रकम पर नॉर्मल रेट्स से टैक्स लिया जाएगा। यहां बता दें कि यह नया नियम केवल एंप्लॉयीज के कंट्रीब्यूशन पर लागू होगा, एंप्लॉयर (कंपनी) के योगदान पर लागू नहीं होगा।
बता दें कि ये नियम 1 अप्रैल से लागू होने जा रहा है। निवेशकों के लिए यह नया नियम किसी झटके से कम नहीं है। पीएफ में ज्यादा पैसा जमा कर कर्मचारी टैक्स बचाते रहे हैं। अभी तक पीएफ का ब्याज को टैक्स के दायरे से बाहर था। लेकिन अब टैक्स के दायरे में आने के बाद निवेशकों को सावधानी के साथ निवेश करना होगा। यही ध्यान में रखते हुए इंडिया टीवी पैसा की टीम इस पूरी प्रक्रिया से जुड़ी बातें बताने जा रहा है।
किन लोगों पर पड़ेगा सबसे अधिक असर
कर्मचारी भविष्य निधि के मौजूदा प्रावधानों के तहत एंप्लॉयीज प्रोविडेंट फंड, वॉलन्टरी प्रोविडेंट फंड और इग्जेम्प्टेड प्रोविडेंट फंड ट्रस्ट्स में निवेश पर मिलने वाली ब्याज की रकम पर टैक्स से छूट मिली हुई है। यहां अभी तक कोई सीमा निर्धारित नहीं थी। आपका पीएफ कंट्रीब्यूशन भले ही कितना ही ज्यादा क्यों न हो आपको कोई भी ब्याज नहीं भरना पड़ता था। ऐसे में अधिक इनकम वाले लोग ज्यादा ब्याज के लालच में ज्यादा निवेश कर देते थे। इस प्रकार बजट के इस नए प्रावधान का सीधा असर हाई-इनकम सैलरी वाले लोगों पर पडे़गा, जो कि बिना टैक्स ब्याज प्राप्त करने के लिए वॉलन्टरी प्रोविडेंट फंड में निवेश करते रहे हैं।
वीपीएफ में निवेश का है अधिकार
ईपीएफ एक्ट के तहत एंप्लॉयीज और एंप्लॉयर कंट्रीब्यूशन (कंपनी का योगदान) सैलरी का 12 फीसदी तय किया गया है। हालांकि, कर्मचारी स्वैच्छिक रूप से इस अमाउंट से ज्यादा का कंट्रीब्यूशन वॉलन्टरी प्रोविडेंट फंड (VPF) में कर सकते हैं। वीपीएफ में कंट्रीब्यूशन के लिए कोई ऊपरी लिमिट नहीं है।
ब्याज पर छूट की सीमा तय
बजट प्रपोजल में फाइनेंस मिनिस्टर ने साल में केवल 2.5 लाख रुपये तक के पीएफ कंट्रीब्यूशन पर मिलने वाली ब्याज पर छूट पर प्रस्ताव किया है। नई लिमिट 1 अप्रैल 2021 या इसके बाद किए गए कंट्रीब्यूशन पर लागू होगी। एंप्लॉयीज प्रोविडेंट फंड के 1 फीसदी से कम कर्मचारियों पर इस कदम का असर पडे़गा।