नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के लिए निर्णय लेने वाली शीर्ष इकाई केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) ने कयास के उलट ब्याज दरें घटा दी है। EPFO ने 2016-17 के लिए भविष्य निधि जमा पर 8.65 प्रतिशत ब्याज दर तय की। पिछले वित्त वर्ष 2015-16 में भविष्य निधि पर EPFO की ब्याज दरें 8.8 फीसदी थी। EPFO के सब्सक्राइबर्स की संख्या चार करोड़ से अधिक है।
यह भी पढ़ें : 25 हजार रुपए तक का वेतन पाने वालों को अब मिलेगा सोशल स्कीम का लाभ, EPFO 19 दिसंबर को ले सकता है फैसला
तस्वीरों में देखिए ऑनलाइन कैसे पता करें पीएफ बैलेंस
PF account gallery
IndiaTV Paisa
IndiaTV Paisa
IndiaTV Paisa
IndiaTV Paisa
IndiaTV Paisa
IndiaTV Paisa
इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस के उपाध्यक्ष अशोक सिंह ने बेंगलुरू में बैठक के बाद कहा
EPFO के निर्णय लेने वाले शीर्ष निकाय CBT ने वर्तमान वित्त वर्ष में ब्याज दर को 8.65 प्रतिशत करने का निर्णय किया है जो 2015-16 में 8.8 प्रतिशत थी।
EPFO 8.8 फीसदी का ब्याज देता तो होता 383 करोड़ का घाटा
- EPFO के आय के अनुमान के मुताबिक यदि वह 8.8 प्रतिशत का ब्याज मौजूदा वित्त वर्ष में भी देता है तो उसे 383 करोड़ रुपए का घाटा होगा।
- हालांकि पिछले वित्त वर्ष में 8.8 प्रतिशत का ब्याज देने के बाद EPFO के पास 409 करोड़ रुपए का अधिशेष बच गया था जिसका प्रयोग वह चाहे तो इस साल भी उतना ही ब्याज देने के लिए कर सकता है।
- इसके अलावा यदि EPFO ब्याज दर को घटाकर 8.7 प्रतिशत भी करता है तो उसे 69.34 करोड़ रपये अधिशेष बचने का अनुमान है।
- EPFO ने वर्तमान वित्त वर्ष में 39,084 करोड़ रुपए की आय होने का अनुमान लगाया है।
यह भी पढ़ें : नोटबंदी पर RBI का एक और बड़ा फैसला, बंद हो चुके पुराने नोटों में 5000 से अधिक राशि सिर्फ एक बार कराई जा सकेगी जमा
सूत्रों के अनुसार वित्त मंत्रालय ने श्रम मंत्रालय से भविष्य निधि जमाओं पर ब्याज को सरकार की अन्य छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज के अनुसार करने को कहा है। गौरतलब है कि सितंबर में सरकार ने सार्वजनिक भविष्य निधि, किसान विकास पत्र, सुकन्या समृद्धि खाते इत्यादि पर ब्याज दरों को कम कर दिया था।
पहले भी घटाई थी ब्याज दरें लेकिन निर्णय लिया था वापस
- इससे पहले वित्त मंत्री ने 2015-16 के लिए ब्याज दरें 8.8 प्रतिशत से घटा कर 8.7 फीसदी करने का निर्णय लिया था।
- इसे श्रम मंत्री की अध्यक्षता वाली सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज ने भी मंजूरी किया था।
- सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज EPFO के लिए निर्णय लेने वाली सर्वोच्च इकाई है।
- हालांकि, ट्रेड यूनियनों के विरोध के बाद सरकार ने ब्याज दर घटाने का निर्णय वापस ले लिया था।
- इसके बाद 2015-16 के लिए 8.8 फीसदी ब्याज दर को अपनी मंजूरी दी थी।