नई दिल्ली। EPFO ने अनुमानों के उलट निवेशकों को बड़ी खुशखबरी दी है। EPFO ने इपीएफ जमा पर ब्याज की दरों को स्थिर रखा है। इस प्रकार 2020-21 में भी निवेशकों को 8.5 प्रतिशत ब्याज मिलेगा। इससे पहले माना जा रहा था कि पेट्रोल, डीजल और एलपीजी की बढ़ती कीमतों से परेशान वेतनभोगी कर्मचारियों को झटका देते हुए ईपीएफओ ब्याज की दरों में कटौती कर सकता है। EPFO के इस कदम से 6 करोड़ से अधिक लोग सीधे तौर पर प्रभावित होंगे।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) वित्त वर्ष 2020-21 के लिए भविष्य निधि जमा पर ब्याज दरों को तय करने के लिए आज कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के केंद्रीय न्यासी मंडल की श्रीनगर में बैठक हुई। इस बैठक में 2020-21 के लिए ब्याज दर की घोषणा करने के प्रस्ताव पर फैसला लिया गया। 2019-20 के लिए EPFO की ब्याज दरें 8.5 प्रतिशत थी।
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कोरोना के कारण पीएफ अंशदान में भी कमी
बता दें कि ईपीएफओ ने अभी तक बहुत से खाताधारकों को पिछले वित्त वर्ष के लिए घोषित ब्याज का भुगतान नहीं किया है। सूत्रों ने बताया कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान बड़ी संख्या में ईपीएफ सदस्यों ने अपने खाते से रकम निकाली है जिसके चलते पीएफ अंशदान में भी कमी आई है। ऐसे में ईपीएफओ ब्याज दर में कटौती न करने के फैसले का स्वागत किया जा रहा है।
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2019-20 के लिए 8.5 प्रतिशत ब्याज
ईपीएफओ ने 2019-20 के लिए 8.5 प्रतिशत ब्याज की घोषणा की थी, जो पिछले 7 साल में सबसे कम है। वित्त वर्ष 2012-13 में ईपीएफ पर ब्याज दर 8.5 प्रतिशत थी। पिछले साल मार्च में ईपीएफओ ने ब्याज दर में संशोधन किया था। इससे पहले वित्त वर्ष 2018-19 के लिए ईपीएफ पर 8.65 प्रतिशत ब्याज मिला था। वित्त वर्ष 2017-18 में ईपीएफ पर 8.55 प्रतिशत ब्याज का भुगतान किया गया था। वित्त वर्ष 2015-16 में ब्याज की दर 8.8 प्रतिशत थी। वित्त वर्ष 2013-14 में ईपीएफ पर 8.75 प्रतिशत की दर से ब्याज का भुगतान किया गया था।