नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) के सब्सक्राइबर्स को इस साल अधिक ब्याज के रूप में ज्यादा फायदा मिल सकता है। केंद्र सरकार ईपीएफओ के तहत जमा राशि पर मिलने वाले ब्याज को और बढ़ाने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। वित्त वर्ष 2015-16 के लिए ईपीएफ पर ब्याज बढ़ाकर 8.9 से 9 फीसदी के बीच किए जाने की पूरी संभावना है।
श्रम मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक फरवरी में प्रोवीडेंट फंड में जमा पर 8.8 फीसदी अंतरिम ब्याज दर की घोषणा की गई है। लेकिन ईपीएफओ के पास 11,000 करोड़ रुपए का सरप्लस बच रहा है, संगठन जल्द ही इस ब्याज दर में और बढ़ोतरी की घोषणा करेगा। अधिकारी ने बताया कि मंत्रालय ईपीएफओ के एकाउंट ऑडिट की अंतिम रिपोर्ट आने का इंतजार कर रहा है, जो कि अतिरिक्त बचने वाली राशि की सही तस्वीर बताएगी। नई ब्याज दरों की घोषणा और अधिसूचना जारी एक महीने के भीतर कर दी जाएगी। 2015-16 में मिलने वाला ब्याज 2010-11 के बाद सबसे ज्यादा होगा। इस साल ईपीएफओ ने अपने छह करोड़ सदस्यों को 9.5 फीसदी ब्याज दिया था।
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कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज ने फरवरी में वित्त वर्ष 2015-16 के लिए 8.8 फीसदी अंतरिम ब्याज दर की घोषणा की थी, जो कि पूर्व दर 8.75 फीसदी से मामूली ज्यादा है। ईपीएफओ की एडवाइजरी बॉडी फाइनेंस, ऑडिट और इन्वेस्टमेंट कमेटी (एफएआईसी) ने वित्त वर्ष 2015-16 के लिए पीएफ जमा पर 8.95 फीसदी ब्याज देने की सिफारिश की है। इसका समर्थन विभिन्न कर्मचारी संगठनों के नेता भी कर रहे हैं। 29 मार्च को सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की बैठक दिल्ली में होनी है। बोर्ड सदस्य एके पदमनाभन और डीएल सचदेवा ने कहा है कि ब्याज दर बढ़ाने को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है और न ही ये बैठक के एजेंडा में शामिल है। सचदेवा ने कहा कि यूनियंस चाहती हैं कि ब्याज दर 8.95 फीसदी रहे, लेकिन वित्त मंत्रालय बाजार के उतार-चढ़ाव और वैश्विक आर्थिक मंदी का हवाला देते हुए ब्याज दरों को कम रखने पर अड़ा हुआ है।