नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने समस्या में फंसे शराब कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच का दायरा बढ़ाया है। अब राष्ट्रीयकृत बैंकों के समूह से लिए गए 6,027 करोड़ रुपए कर्ज को लौटाने में कथित चूक की भी जांच करेगा। हाल ही में सीबीआई ने इस संबंध में मामला दर्ज किया है। अधिकारियों ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय मामले का ब्योरा सीबीआई से पहले ही ले चुका है। 17 बैंकों के साथ धोखाधड़ी के आरोप को माल्या के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक कानून (पीएमएलए) के तहत दर्ज मामले में शामिल किया जा सकता है।
ईडी माल्या और उसके सहयोगियों की कुछ और संपत्ति कुर्क करने के लिए पहले ही काम शुरू कर चुका है। इसके अलावा भारत-ब्रिटेन द्विपक्षीय कानूनी सहायता संधि (एमएलएटी) का उपयोग कर सकता है ताकि कारोबारी यहां जांच में शामिल हो। साथ ही उसके खिलाफ इंटरपोल गिरफ्तारी वारंट जारी कराने के लिए काम किया जा रहा है। अधिकारियों के अनुसार प्रवर्तन निदेशालय भारतीय दंड संहिता, भ्रष्टाचार निरोधक कानून और पीएमएलए की विभिन्न धाराओं के तहत आपराधिक जांच को आगे बढ़ाने के लिये सीबीआई के साथ सहयोग कर रहा है।
सीबीआई ने भारतीय स्टेट बैंक से प्राप्त शिकायत के आधार पर पिछले सप्ताह आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी से संबद्ध आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत ताजा मामला दर्ज किया है। एसबीआई ने बैंकों के समूह की तरफ से 2005-10 के दौरान दिए गए कर्जों का भुगतान नहीं किए जाने पर उन्हें 6,027 करोड़ रुपए के नुकसान को लेकर माल्या के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।