नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आम्रपाली समूह के मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ), सचिव और अन्य लोगों को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में शुक्रवार को पूछताछ के लिए लखनऊ तलब किया है। ईडी के एक अधिकारी ने बताया कि एजेंसी अगले सप्ताह आम्रपाली समूह के कई अन्य अधिकारियों से भी पूछताछ करेगी।
ईडी आम्रपाली ग्रुप के संचालकों की बेनामी संपत्तियों का ब्योरा भी जुटा रहा है। खासकर इस बात की भी जांच की जा रही है कि आम्रपाली ग्रुप से दूसरी और किन-किन कंपनियों को फंड ट्रांसफर किए गए और उस रकम का निवेश कहां किया गया। आम्रपाली ग्रुप की करीब 46 रजिस्टर्ड कंपनियां हैं। निवेशकों ने नोएडा व दिल्ली में कंपनी संचालकों के खिलाफ धोखाधड़ी के कई मुकदमे दर्ज कराए थे। कई निवेशकों ने अपनी डूबी रकम हासिल करने के लिए कोर्ट तक का दरवाजा खटखटाया था।
ईडी ने नोएडा में निवेशकों के करोड़ों रुपये हड़पने वाले आम्रपाली ग्रुप के निदेशकों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। ईडी ने धांधली से जुड़े 11 आरोपितों को नोटिस देकर पूछताछ के लिए तलब किया है। सूत्रों के अनुसार इनमें कुछ उन कंपनियों के संचालक भी शामिल हैं, जिनमें आम्रपाली ग्रुप ने करोड़ों रुपये ट्रांसफर किए थे।
ईडी ने फरवरी से जेल में बंद आम्रपाली ग्रुप के प्रमुख अनिल शर्मा को हिरासत में लेने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाने का भी प्रस्ताव किया है। यह कार्रवाई एक जुलाई को आम्रपाली समूह और उसके प्रमोटरों के खिलाफ मामला दर्ज करने के बाद हुई, जो नोएडा और ग्रेटर नोएडा में 42,000 से अधिक खरीदारों को फ्लैट देने में विफल रहे। अधिकारी ने कहा कि एजेंसी आम्रपाली समूह से जुड़े प्रमोटरों की संपत्ति का पता लगाएगी जो इस मामले में संलिप्त हो सकते हैं।
बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने 23 जुलाई को आम्रपाली मामले में खरीदारों के हित में फैसला सुनाया। साथ ही इसी माह ईडी ने 42 हजार से अधिक निवेशकों को मकान का सपना दिखाकर करोड़ों रुपये हड़पने के मामले में आम्रपाली ग्रुप के खिलाफ पीएमएलए (प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट) के तहत केस दर्ज किया है।
NBCC करेगा अधूरे प्रोजेक्ट को पूरा- सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी कंपनी नेशनल बिल्डिंग्स कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन (NBCC) को आदेश दिए कि आम्रपाली के नोएडा और ग्रेटर नोएडा में अधूरे प्रोजेक्ट के निर्माण का काम पूरा कर ग्राहकों को सौंपे जाएं। इस फैसले से 42,000 से अधिक घर खरीदारों को बड़ी राहत मिलेगी।
आम्रपाली का RERA पंजीकरण रद्द- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फेमा (फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट) के तहत ED मामले की जांच कर हर तीन महीने में इसकी रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल करे। जस्टिस अरुण मिश्रा की बेंच ने आम्रपाली ग्रुप की कंपनियों के रजिस्ट्रेशन रद्द करने के निर्देश भी दिए हैं। साथ ही प्रवर्तन निदेशालय से कहा है कि घर खरीदारों की रकम डायवर्ट करने के मामले में कंपनियों के निदेशकों के खिलाफ जांच की जाए। शीर्ष अदालत ने कहा कि घर खरीदार बाकी बचे हुए पैसे को तीन महीने में सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री में जमा करा दे। अदालत ने साथ में नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को आदेश दिया कि वे खरीदारों पर किसी तरह की कार्रवाई न करें।
आम्रपाली के मालिकों पर चलेगा मुकदमा- सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि आम्रपाली के मालिकों के खिलाफ ईडी मनी लांड्रिंग का मामले की जांच करें। कोर्ट के निर्देशों के बाद आम्रपाली ग्रुप के संचालकों के खिलाफ फेमा (फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट) के तहत भी कार्रवाई की तैयारी है।