नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के अभिभाषण के साथ ही बजट सत्र की शुरूआत हो गई है। प्रणब मुखर्जी ने मंगलवार को कहा कि मई 2014 में नई सरकार के गठन के बाद से देश में बिजली की कमी 4 फीसदी से घट कर 2.3 फीसदी रह गई है। राष्ट्रपति ने बजट सत्र के पहले दिन संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि सरकार मई 2018 तक सभी गांवों को बिजली पहुंचाने और बिजली ट्रांसमिशन सिस्टम मजबूत करने को प्रतिबद्ध है। इसके अलावा उपभोक्ताओं को उचित और कॉम्पीटिटिव रेट पर बिजली उपलब्ध कराने के लिए शुल्क नीति में महत्वपूर्ण संशोधन किए हैं।
हर गांवों तक बिजली पहुंचाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध
प्रणब ने अपने अभिभाषण में कहा, जब से मेरी सरकार ने कार्यभार संभाला है, उर्जा की कमी 4 फीसदी थी जो अब घटकर 2.3 फीसदी रह गई है। मेरी सरकार मई 2018 तक सभी गावों में बिजली पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकार ने राज्यों और संघ शासित क्षेत्रों की विद्युत वितरण कंपनियों को वित्तीय संकट से उबारने के लिए उज्जवल डिस्कॉम आश्वासन योजना (उदय) शुरू की है।
पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी को उबारने में लगी सरकार
उज्जवल डिस्कॉम आश्वासन योजना से झारखंड, छत्तीसगढ, बिहार, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और गुजरात जुड़ चुके है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य कर्ज में डूबी बिजली वितरण कंपनियों को इसके बोझ से उबारना है। राष्ट्रपति ने कहा कि 12वीं पंचवर्षीय योजना (2012-17) में 88,537 मेगावाट बिजली उत्पादन की अतिरिक्त क्षमता स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया था। इसमें से अब तक 83 फीसदी लक्ष्य हासिल हो चुका है।