नयी दिल्ली। तापीय बिजलीघरों में कोयले की स्थिति सामान्य होने की ओर बढ़ रही है और चार दिनों से कम समय का कोयला (भंडार की बेहद गंभीर स्थिति) वाले ‘नॉन-पिट हेड’ यानी खानों से दूर स्थित कोयला संयंत्रों की संख्या में कमी आई है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक चार दिनों से भी कम समय का कोयला भंडार वाले संयंत्रों की संख्या रविवार को घटकर 61 रह गई, जो एक हफ्ते पहले 70 थी।
केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) के ताजा आंकड़ों के अनुसार चार दिनों से कम कोयले वाले गैर-पिट हेड परियोजनाओं की संख्या 17 अक्टूबर को 61 थी, जबकि यह आंकड़ा 10 अक्टूबर को 70 और तीन अक्टूबर को 64 था। देश में ताप बिजली संयंत्रों में ईंधन की कमी को देखते हुए कोयला भंडार की स्थिति में सुधार महत्वपूर्ण है। सीईए 1,65,000 मेगावाट से अधिक की कुल उत्पादन क्षमता वाले 135 ताप बिजली संयंत्रों के कोयला भंडार की स्थिति की निगरानी करता है। आंकड़ों से यह भी पता चला कि शून्य कोयला भंडार वाले बिजली संयंत्रों की संख्या घटकर 16 हो गई है, जबकि एक सप्ताह पहले ये संख्या 17 थी।
एक दिन के कोयला भंडार वाले संयंत्रों की संख्या 17 अक्टूबर को 25 रही, जबकि 10 अक्टूबर को यह संख्या 26 थी। विशेषज्ञों का मानना है कि इस सप्ताह के अंत में देश के कई हिस्सों में सर्दी की शुरुआत और भारी बारिश के साथ बिजली की मांग में कमी आई है। उन्होंने कहा कि बिजली संयंत्रों को कोयले की आपूर्ति बढ़ाने के लिए सरकार के प्रयासों से हालात और बेहतर होंगे।