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इमर्जिंग मार्केट्स कर रहे हैं भारी करप्शन का सामना, “करप्शन परसेप्शंस इंडेक्स 2015” में 76वें पायदान पर भारत

ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल (टीआई) की रिपोर्ट “करप्शन परसेप्शंस इंडेक्स 2015” में दुनिया की दो-तिहाई देशों को 100 में से 50 अंक से भी कम दिया गया है।

Dharmender Chaudhary
Updated on: January 28, 2016 8:45 IST
इमर्जिंग मार्केट्स कर रहे हैं भारी करप्शन का सामना, “करप्शन परसेप्शंस इंडेक्स 2015” में 76वें पायदान पर भारत- India TV Paisa
इमर्जिंग मार्केट्स कर रहे हैं भारी करप्शन का सामना, “करप्शन परसेप्शंस इंडेक्स 2015” में 76वें पायदान पर भारत

बर्लिन। दुनिया के उभरते बाजार भारी करप्शन का सामना कर रहे हैं। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल (टीआई) की रिपोर्ट “करप्शन परसेप्शंस इंडेक्स 2015” में दुनिया की दो-तिहाई देशों को 100 में से 50 अंक से भी कम दिया गया है। टीआई ने बड़े पैमाने पर ब्राजील और मलेशिया में हुए घोटालों का हवाला देते हुए यह अंक दिए है। करप्शन इंडेक्स में सबसे तेज गिरावट लैटिन अमेरिका में आई है और यह 168 देशों की लिस्ट में 7 पायदान फिसल गया है। वहीं, भारत भी 50 अंकों से कम पाने वाले देशों में शामिल है। “करप्शन परसेप्शंस इंडेक्स 2015” लिस्ट में भारत 38 अंकों के साथ 76 वें पायदान पर है। हालांकि इस लिस्ट में भारत 9 पायदान ऊपर चढ़ा है।

दुनिया के दो-तिहाई देशों को 50 से कम अंक

ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने दुनिया के दो-तिहाई देशों को 50 से कम अंक दिए है। रिपोर्ट के मुताबिक इमर्जिंग मार्केट्स में सबसे ज्यादा करप्शन है, जो कि चिंता की बात है। इनमें ज्यादातर देश ऐसे हैं, जो विश्व शक्ति बनने की बात कर रहे हैं। इस इंडेक्स को सरकार, लीगल सिस्टम, पॉलिटिकल पार्टी और नौकरशाही में चल रहे करप्शन के आधार पर बनाया गया है। टीआई ग्रुप के डायरेक्टर रॉबिन होडेस ने कहा कि सभी ब्रिक्स देशों के सामने चुनौती है। वास्तव में यह उभरी हुई अर्थव्यवस्था है और और विश्व अर्थव्यवस्था में आ रहे हैं। इसके बावजूद सभी देश को 50 अंक भी हासिल नहीं कर पाए। इनमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका जैसे देश शामिल है।

भारत से ज्यादा चीन में करप्शन

नॉर्डिक देशों जैसे डेनमार्क, फिनलैंड और स्वीडन में पिछले वर्षों के दौरान पब्लिक सेक्टर में करप्शन काफी कम हुआ है। लेकिन, दक्षिण अफ्रीका 44 अंकों के साथ 61 वें स्थान रहा है। वहीं, ब्राजील और भारत 76 वें स्थान पर रहे। “करप्शन परसेप्शंस इंडेक्स 2015” में भारत और ब्राजील को सिर्फ 38 अंक मिले हैं। दूसरी ओर चीन की हालत भारत से भी खराब है और वह 37 अंक के साथ 83वे पायदान पर फिसल गया है। रूस को सिर्फ 29 अंक प्राप्त हुए।

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