नई दिल्ली। इंटरनेट ने भारत में अपने 25 साल पूरे कर लिए हैं। एक समय था जब राजनैतिक दल रोजगार बचाने के लिए कम्प्यूटर के उपयोग का विरोध करते थे। आज इंटरनेट दैनिक मानव जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है। इेमेल से ई-कॉमर्स तक पहुचंने में 25 साल का वक्त भले ही लगा हो, लेकिन अब भारत में इंटरनेट के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। जिस प्रकार जीवन के लिए हवा-पानी जरूरी है, ठीक उसी प्रकार अब बेहतर व सुविधाजनक तरीके से जीवनयापन करने के लिए इंटरनेट आवश्यक है। McKinsey की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इंटरनेट और टेक कंपनियां भारत में अगले दशक के दौरान 10 करोड़ रोजगार का सृजन करेंगी।
15 अगस्त, 1995 में विदेश संचार निगम लिमिटेड ने भारत में सबसे पहला इंटरनेट कनेक्शन दिया था और इसके तुरंत बाद पूरे देश में साइबर कैफे की बाढ़ सी आ गई थी। कुछ साल बाद, टेलीकॉम कंपनियों ने वायरलेस डाटा की पेशकश करना शुरू किया। फिर इसके बाद ईमेल से शुरू हुआ इंटरनेट का सफर कैसे ई-कॉमर्स जैसे बड़े बाजार में बदल गया, इसे सबने देखा है।
मुकेश अंबानी जैसे बड़े उद्योगपति भी अब अपना पूरा ध्यान इंटरनेट आधारित डिजिटल कारोबार पर लगा रहे हैं। दुनिया के शीर्ष 10 सबसे अमीर व्यक्तियों की लिस्ट में सबसे ऊपर टेक कंपनी अमेजन के सीईओ जेफ बेजोस ही हैं, जिनके पास इस ब्रहांड की सबसे ज्यादा संपत्ति है।
भारत में इंटरनेट कनेक्शन की संख्या 31 अगस्त, 2020 को 75 करोड़ के आंकड़े को पार कर चुकी है। मार्च 2017 में भारत में इंटरनेट कनेक्शन की संख्या केवल 34 करोड़ थी और पिछले चार सालों में यह बढ़कर लगभग दोगुना हो गई है। देश में डिजिटल इंडिया प्रोग्राम की शुरुआत 2015 में हुई।
75 करोड़ इंटरनेट कनेक्शन में से अधिकांश शहरी इलाकों में हैं और इसका इस्तेमाल मोबाइल फोन एवं डोंगल्स जैसे वायरलेस डिवाइसेस के जरिये किया जा रहा है। ट्राई के ताजा आंकड़ों के मुताबिक जून, 2020 तक भारत में 74.9 करोड़ इंटरनेट कनेक्शन थे। अगस्त तक देश में कुल इंटरनेट कनेक्शन की संख्या 76.7 करोड़ थी।
भारत ने सितंबर, 2018 में 50 करोड़ इंटरनेट कनेक्शन की उपलब्धि हासिल की थी। इसके बाद भारत में हर महीने 86 लाख नए कनेक्शन दिए गए। ट्राई के आंकड़ों के मुताबिक देश में कुल इंटरनेट कनेक्शन में से 61 प्रतिशत कनेक्शन शहरी इलाकों से थे और इनमें से 97 प्रतिशत वायरलेस कनेक्शन थे।
भारत में इंटरनेट के 25 साल
1995 - VSNL ने पब्लिक इंटरनेट की शुरुआत की
1996 - Rediff.com हुआ लॉन्च
1997 - Naukri.com की शुरुआत
1998 - Sify ने पहला निजी ISP लॉन्च किया
1999 - पहली हिंदी वेबसाइट Webdunia ने लॉन्च की
2000 - ITC e-Choupal और IT Law की शुरुआत
2001 - पहला साइबर अपराध दर्ज
2002 - सबमरीन केबल गेटवे की शुरुआत
2003 - Airtel ने ब्रॉडबैंड लॉन्च किया, Air Deccan ने ऑनलाइन टिकट बुकिंग शुरू की
2004 - BSNL की ब्रॉडबैंड सेवा शुरू, Google ने भारत में खोला कार्यालय
2005 - Google ने सोशल नेटवर्किंग सेवा Orkut शुरू की
2006 - भारत में Facebook की एंट्री
2007 - Twitter की भारत में एंट्री, Google News भी हुआ लॉन्च, Flipkart की स्थापना
2008 - भारत में iPhone की लॉन्चिंग
2009 - इंटरनेट पर भारतीय भाषाओं के लिए पॉलिसी ड्राफ्ट
2010 - 3G की नीलामी, Facebook ने Orkut को पछाड़ा
2011 - मोबाइल नंबर पोर्टेबिलीटी शुरू, IIT के लेक्चर ऑनलाइन
2012 - भारत में इंटरनेट उपभोक्ता 13.7 करोड़ हुए, दुनियाभर में 250 करोड़
2013 - Flipkart ने PayZippy नाम के पेमेंट सिस्टम को लॉन्च किया
2014 - दुनियाभर में भारत तीसरा सबसे बड़ा इंटरनेट बाजार बना
2015 - डिजिटल इंडिया प्रोजेक्ट की शुरुआत
2016 - Reliance Jio की लॉन्चिंग
2017 - दुनियाभर में मोबाइल इंटरनेट डाटा भारत में सबसे सस्ता
2018 - राष्ट्रीय डिजिटल कम्युनिकेशन पॉलिसी की शुरुआत
2019 - तेजी से बढ़े इंटरनेट उपभोक्ता
2020 - कोरोना काल में इंटरनेट इस्तेमाल में जोरदार बढ़ोतरी
Source- NASSCOM