नई दिल्ली/इस्लामाबाद। अरबपति कारोबारी एलन मस्क (Elon Musk) की स्पेस कंपनी स्पेसएक्स (SpaceX) की स्टारलिंक इंटरनेट सर्विस (Starlink Internet Service) ने भारत और पाकिस्तान सहित पूरी दुनिया में कुछ चुनिंदा स्थानों पर इंटरनेट सेवा उपलब्ध कराने के लिए प्री-बुकिंग शुरू करने की घोषणा की है। स्टारलिंक ने खुलासा किया है कि वह भारत में 2022 तक अधिकांश इलाकों में अपनी इंटरनेट सेवा उपलब्ध कराएगी। स्टारलिंक ने भारत में अपनी इंटरनेट सेवा के लिए प्री-बुकिंग 99 डॉलर के रिफंडेबल एमाउंट के साथ की है। स्टारलिंक ने अपनी वेबसाइट पर कहा कि उपलब्धता सीमित है। ऑर्डर पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर पूरे किए जाएंगे।
स्टारलिंक द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले इंटरनेट की स्पीड 1जीबीपीएस से लेकर 900एमबीपीएस तक होगी, जो बहुत ज्यादा है। भारत में इस सेवा के लिए उपभोक्ताओं को 99 डॉलर प्रति महीना खर्च करना होगा। रुपये में देखें तो यह करम 7226 रुपये बनती है।
स्टारलिंक ने भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में यही सेवा भारत की तुलना में कम कीमत पर उपलब्ध कराने की घोषणा की है। पाकिस्तान में स्टारलिंक इंटरनेट सेवा के लिए 80 डॉलर प्रति माह के हिसाब से भुगतान करना होगा। पाकिस्तानी रुपये की कीमत एक डॉलर के सामने 157.95 रुपये है और इस हिसाब से पाकिस्तानियों को इस सेवा के लिए हर महीने 12636 रुपये खर्च करने होंगे।
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भारत में जिन क्षेत्रों के लिए प्री-बुकिंग उपलब्ध है, उनमें गुजरात से इंडिया कॉलोनी आरडी, बापूनगर और अहमदाबाद शामिल हैं। इसके अलावा इंडियन कॉफी हाउस रोड, इंदौर, मध्य प्रदेश के लिए भी बुकिंग शुरू हो चुकी है।
मस्क ने पिछले महीने कहा था कि उनकी स्टारलिंक उपग्रह-आधारित (सैटेलाइट बेस्ड) इंटरनेट सेवा की इंटरनेट गति, जिसका उद्देश्य दुनिया भर के दूरदराज के क्षेत्रों में लाखों लोगों के लिए सस्ता इंटरनेट उपलब्ध कराना है, इस वर्ष दोगुनी होकर 300 एमबीपीएस हो जाएगी।
कंपनी वर्तमान में स्टारलिंक परियोजना के लिए 50 से 150 एमबीपीएस के बीच गति का वादा करती है, जो लगभग 12,000 उपग्रहों के नेटवर्क के माध्यम से उच्च गति इंटरनेट देने की योजना बना रही है। इसने पहले ही अपने 1,000 से अधिक स्टारलिंक उपग्रहों को कक्षा में स्थापित कर दिया है।
स्टारलिंक का कहना है कि यह सेवा विश्व के उन क्षेत्रों के लिए आदर्श रूप से अनुकूल है, जहां कनेक्टिविटी आमतौर पर एक चुनौती रही है। स्पेसएक्स ने कथित तौर पर भारत सरकार से पिछले साल नवंबर में देश के दूरदराज के इलाकों में इंटरनेट का उपयोग करने के लिए सैटेलाइट तकनीक के इस्तेमाल को मंजूरी देने की अपील की थी।
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