नयी दिल्ली। देश में बिजली खपत इस साल दिसंबर के पहले पखवाड़े में 4.8 प्रतिशत बढ़कर 50.36 अरब यूनिट रही। यह आर्थिक गतिविधियों में निरंतरता को बताता है। बिजली मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार विद्युत खपत पिछले साल एक से 15 दिसंबर के दौरान 48.04 अरब यूनिट थी। वर्ष 2019 में पूरे दिसंबर महीने में बिजली खपत 101.08 अरब यूनिट रही। विशेषज्ञों के अनुसार दिसंबर के पहले पखवाड़े के आंकड़े को सांख्यिकी आधार पर विश्लेषण से साफ संकेत मिलता है कि बिजली खपत लगातार चौथे महीने सालाना आधार पर बढ़ेगी।
उल्लेखनीय है कि छह महीने के अंतराल के बाद, बिजली खपत में सितंबर महीने में 4.4 प्रतिशत और अक्टूबर में 11.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई। नवंबर महीने में बिजली खपत 3.7 प्रतिशत बढ़कर 97.43 अरब यूनिट रही जबकि एक साल पहले इसी महीने में यह 93.94 अरब यूनिट थी। विशेषज्ञों ने कहा कि इस महीने के पहले पखवाड़े के खपत के आंकड़े बताते हैं कि ‘लॉकडाउन’ में ढील के बाद वाणिज्यिक और औद्योगिक मांग में निरंतर सुधार हो रहा है।
सरकार ने कोविड-19 महामारी को फैलने से रोकने के लिये 25 मार्च से देश भर में ‘लॉकडाउन’ लगाये जाने की घोषणा की थी। देश में आर्थिक गतिविधियां प्रभावित होने से बिजली खपत में मार्च से गिरावट आनी शुरू हो गयी। महामारी के कारण इस साल मार्च से अगस्त के दौरान बिजली खपत प्रभावित रही। सालाना आधार पर बिजली खपत में मार्च में 8.7 प्रतिशत, अप्रैल में 23.2 प्रतिशत, मई में 14.9 प्रतिशत, जून में 10.9 प्रतिशत, जुलाई में 3.7 प्रतिशत और अगस्त में 1.7 प्रतिशत की गिरावट आयी थी। आंकड़ों के अनुसार फरवरी में बिजली खपत में 11.73 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
दिसंबर के पहले पखवाड़े में बिजली की अधिकतम मांग को पूरा करने के लिये आपूर्ति 15 दिसंबर को 1,66,330 मेगावाट रही। जबकि एक साल पहले एक दिसंबर से 15 दिसंबर के दौरान अधिकतम आपूर्ति (11 दिसंबर 2019) 1,56,470 मेगावाट थी। पिछले साल दिसंबर महीने में बिजली की अधिकतम मांग को पूरा करने के लिये की गयी आपूर्ति 26 दिसंबर को 1,70,490 मेगावाट रिकार्ड की गयी थी।