Sunday, December 22, 2024
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इलेक्ट्रिक वाहनों से 2030 तक बचेगा 60 अरब डॉलर का ईंधन, निजी वाहनों की बढ़ती संख्‍या होगी एक चुनौती

इलेक्ट्रिक वाहनों की स्वीकार्यता बढ़ने से देश में 2030 तक डीजल और पेट्रोल की लागत के रूप में 60 अरब डॉलर बचाए जा सकेंगे।

Abhishek Shrivastava
Updated : May 12, 2017 15:51 IST
इलेक्ट्रिक वाहनों से 2030 तक बचेगा 60 अरब डॉलर का ईंधन, निजी वाहनों की बढ़ती संख्‍या होगी एक चुनौती
इलेक्ट्रिक वाहनों से 2030 तक बचेगा 60 अरब डॉलर का ईंधन, निजी वाहनों की बढ़ती संख्‍या होगी एक चुनौती

नई दिल्‍ली। इलेक्ट्रिक वाहनों की स्वीकार्यता बढ़ने से देश में 2030 तक डीजल और पेट्रोल की लागत के रूप में 60 अरब डॉलर बचाए जा सकेंगे। नीति आयोग द्वारा जारी एक संयुक्त रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है। इसमें कहा गया है कि इसके अलावा इससे 2030 तक एक गीगाटन (एक अरब टन) कार्बन उत्सर्जन से बचा जा सकता है।

नीति आयोग और रॉक माउंटेन इंस्‍टीट्यूट की रिपोर्ट इंडिया लीप्स अहेड: ट्रांसफॉर्मेटिव मोबिलिटी सॉल्यूशन में कहा गया है कि इससे सालाना 15.6 करोड़ टन डीजल और पेट्रोल के बराबर ईंधन की बचत की जा सकेगी। रिपोर्ट कहती है कि कच्चे तेल के मौजूदा मूल्य के हिसाब से देखा जाए तो इससे 2030 तक करीब 3.9 लाख करोड़ रुपए का ईंधन बचाया जा सकता है।

रिपोर्ट जारी करते हुए नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कान्त ने कहा कि चाहे किसी को अच्छा लगे या न लगे, इलेक्ट्रिक वाहन भारत में अपनी पकड़ बनाएंगे। उन्‍होंने कहा चुनौती यह है कि हम इसे कैसे तेजी से करेंगे। कान्त ने कहा कि बैटरी की लागत प्रत्येक पांच साल में आधी हो रही है। इससे अगले चार से पांच साल में बैटरी के साथ इलेक्ट्रिक वाहन भी पेट्रोल या डीजल वाहन से बहुत अधिक महंगे नहीं होंगे। वहीं पेट्रोल वाहनों की तुलना में इनकी परिचालन लागत मात्र 20 प्रतिशत बैठेगी।

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