नई दिल्ली। बुनियादी क्षेत्रों में शामिल आठ प्रमुख उद्योगों का उत्पादन इस बार अक्टूबर महीने में एक साल पहले की तुलना में 2.5 प्रतिशत घट गया। यह लगातार आठवां महीना है, जब इन क्षेत्रों का उत्पादन कम हुआ है। शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में इसकी जानकारी मिली। उत्पादन में गिरावट का मुख्य कारण खनिज तेल, गैस, पेट्रोलियम रिफाइनरी उत्पाद और इस्पात उद्योग के उत्पादन में कमी आना है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2019 में इन आठ क्षेत्रों के उत्पादन में 5.5 प्रतिशत की गिरावट आयी थी। माह के दौरान कोयला, उर्वरक, सीमेंट और बिजली क्षेत्रों में वृद्धि दर्ज की गयी। हालांकि कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पादों और इस्पात में गिरावट रही।
इस साल अप्रैल से अक्टूबर के दौरान इन क्षेत्रों के उत्पादन में 13 प्रतिशत की गिरावट आयी है। साल भर पहले की समान अवधि में इनके उत्पादन में 0.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पादों और इस्पात के उत्पादन में क्रमशः 6.2 प्रतिशत, 8.6 प्रतिशत, 17 प्रतिशत और 2.7 प्रतिशत की गिरावट आयी है। उर्वरक उत्पादन की वृद्धि दर अक्टूबर में घटकर 6.3 प्रतिशत रह गयी, जो पिछले साल इसी महीने में 11.8 प्रतिशत थी। दूसरी ओर, समीक्षाधीन माह के दौरान कोयला, सीमेंट और बिजली क्षेत्र का उत्पादन क्रमशः 11.6 प्रतिशत, 2.8 प्रतिशत और 10.5 प्रतिशत बढ़ा। कुल मिला कर इन आठ प्रमुख बुनियादी उद्योगों का उत्पादन मार्च से ही गिर रहा है। इससे पहले सितंबर में इनमें गिरावट 0.1 प्रतिशत थी।
इक्रा लिमिटेड की प्रधान अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ‘‘हमारे विचार में, आईआईपी (औद्योगिक उत्पादन सूचकांक) का शेष भाग अक्टूबर 2020 में प्रमुख क्षेत्रों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन कर सकता है। इसके आधार पर, हम उम्मीद करते हैं कि अक्टूबर 2020 में आईआईपी 4-7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करेगा।’’ इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च के प्रधान अर्थशास्त्री सुनील कुमार सिन्हा ने कहा कि प्रमुख क्षेत्रों के आंकड़े से औद्योगिक सुधार के अभी भी नरम रहने का संकेत मिलता है। उल्लेखनीय है कि आईआईपी में इन आठ प्रमुख क्षेत्रों की 40.27 प्रतिशत हिस्सेदारी है।