मुंबई: शिक्षा प्रौद्योगिकी क्षेत्र को कोविड-19 के कारण उत्पन्न चुनौतियों से बढ़ावा मिला है। इससे क्षेत्र में बड़ी संख्या में नियुक्तियां भी हुई है। विशेषज्ञों का हालांकि मानना है कि स्कूल-कॉलेजों के खुलने से तेजी से बढ़ रहे क्षेत्र में स्थिरता आएगी। सेंटर फॉर इन्वेस्टमेंट एजुकेशन एंड लर्निंग (सीआईईएल) के एचआर सर्विसेज के निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) आदित्य मिश्रा ने कहा कि महामारी ने पढाई-लिखाई के तरीके को काफी बदल दिया है।
उन्होंने कहा कि शिक्षा प्रौद्योगिकी क्षेत्र के लिए निवेश में तेजी बनी हुई है। इस क्षेत्र में उन्नत तकनीक को अपनाया जा रहा है। आय बढ़ने के साथ ही नियुक्तियों में भी वृद्धि हुई है। मिश्रा ने कहा, "हमारा अनुमान है कि क्षेत्र में सभी स्तरों पर फिलहाल 10,000 से अधिक स्थायी नौकरियां तैयार हैं। इनके अलावा शिक्षा प्रौद्योगिकी क्षेत्र में कम से कम 50,000 अस्थायी नौकरियों की भी रिक्तियां हैं।"
इसके अलावा टीमलीज एडटेक के सीईओ एवं संस्थापक शांतनु रूजी ने कहा कि भारतीय प्रौद्योगिकी शिक्षा ने भारी पूंजी निवेश आकर्षित किया है और यह अगले कुछ वर्षों तक जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा प्रौद्योगिकी ने न केवल संस्थानों के लिए निरंतरता बनाए रखने में मदद की है बल्कि उन्हें अधिक कुशल और बेहतर बनने में भी मदद की है।