नई दिल्ली। भारत ने बीते आठ महीने के दौरान जून में सबसे ज्यादा खाने के तेल का आयात किया है, जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले आठ फीसदी अधिक है। हालांकि इन आठ महीनों में खाद्य तेल का कुल आयात पिछले साल के मुकाबले 15 फीसदी कम हुआ है। खाद्य तेल उद्योग संगठन सॉल्वेंट एक्स्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, बीते महीने जून के दौरान भारत ने 11.62 लाख टन खाद्य तेल का आयात किया है जो चालू तेल-तिलहन सीजन 2019-20 (नवंबर-अक्टूबर) के शुरुआती आठ महीनों में सबसे अधिक है। वहीं, पिछले साल जून में भारत ने 10.71 लाख टन खाने के तेल का आयात किया था, जिससे इस साल जून में करीब आठ फीसदी ज्यादा आयात हुआ है।
चालू सीजन में नवंबर, 2019 से लेकर जून, 2020 तक खाने के तेल का कुल आयात 80.52 टन हुआ है जोकि पिछले साल की इसी अवधि के 94.56 लाख टन से 15 फीसदी कम है। खाद्य तेल उद्योग के अनुसार, आरबीडी पामोलीन का आयात 79 फीसदी घट गया है। रिफाइंड खाद्य तेल आरबीडी पामोलीन का आयात चालू सीजन के आठ महीनों के दौरान महज 3.80 लाख टन हुआ है, जबकि पिछले साल इसी दौरान इसका आयात 18.25 लाख टन हुआ था। वहीं, क्रूड खाद्य तेल का आयात बीते आठ महीनों के दौरान 76.71 लाख टन हुआ है जोकि पिछले साल की इसी अवधि के 76.30 लाख टन था। खाद्य तेल आयात में क्रूड खाद्य तेल आयात का हिस्सा पिछले साल के 81 फीसदी से बढ़कर इस साल 95 फीसदी हो गया है जो कि अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है।
भारत सरकार ने 8 जनवरी, 2020 को आरबीडी पामोलिन आयात को प्रतिबंधित सूची में डाल दिया था जिससे इसके आयात में भारी गिरावट आई है। बीते महीने जून में भारत ने महज 3000 टन आरबीडी पामोलिन मंगाया जोकि पिछले साल के इसी महीने के 2.55 लाख टन के मुकाबले करीब 99 फीसदी कम है। उद्योग संगठन ने बताया कि 1994 में आरबीडी पामोलिन के आयात की अनुमति मिलने के बाद जून में सबसे कम आयात हुआ है।