इंदौर। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कथित फर्जीवाड़े के जरिए सार्वजनिक क्षेत्र के 25 बैंकों से हासिल करीब 2,500 करोड़ रुपए के कर्ज में हेराफेरी करने के आरोपों में घिरी जूम डेवलपर्स की करीब 32 करोड़ रुपए की संपत्ति की कुर्की का अंतरिम आदेश जारी किया है।
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इंदौर में ED के उप क्षेत्रीय कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आज बताया कि इस आदेश के तहत कंपनी की बेंगलुरु, इंदौर, मुंबई और रायगढ़ (महाराष्ट्र) में कुल 23.80 एकड़ जमीन, अलग-अलग कंपनियों में उसके शेयर और कुछ अन्य निवेश कुर्क किया जा रहा है।
PMLA तहत की जा रही है जांच
- कानूनी प्रक्रिया के तहत कुर्की के इस अंतरिम आदेश की पुष्टि के लिए ED अब (अपीलीय) अधिनिर्णय प्राधिकरण के सामने अपनी शिकायत पेश करेगा।
- प्राधिकरण इस शिकायत पर दोनों पक्षों को सुनकर कुर्की के अंतरिम आदेश के बारे में अपना फैसला सुनाएगा।
- अधिकारी ने बताया कि ED जूम डेवलपर्स के खिलाफ धन शोधन निरोधक अधिनियम (PMLA) 2002 के तहत जांच कर रहा है।
- आरोप है कि इस कम्पनी ने अलग-अलग परियोजनाओं के नाम पर फर्जी दस्तावेजों के बूते सरकारी क्षेत्र के 25 बैंकों से करीब 2,500 करोड़ रुपए का कर्ज और बैंक गारंटी हासिल की थी।
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उन्होंने बताया कि जूम डेवलपर्स पर आरोप है कि उसने कर्जदाता भारतीय बैंकों के साथ धोखाधड़ी करते हुए इस रकम को संबंधित परियोजनाओं पर खर्च करने के बजाय अपनी अलग-अलग इकाइयों में लगा दिया और बैंकों का ऋण भी नहीं चुकाया। अधिकारी ने बताया कि ED इस बहुचर्चित मामले की जांच के दौरान जूम डेवलपर्स की करीब 100 करोड़ रुपए की संपत्ति पहले ही कुर्क कर चुका है।