नई दिल्ली। शराब व्यवसायी विजय माल्या की मुश्किलें आने वाले दिनों में बढ़ सकती हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) 900 करोड़ रुपए के आईडीबीआई कर्ज धोखाधड़ी मामले में माल्या के खिलाफ उपयुक्त कार्रवाई पर विचार कर रहा है। इसमें माल्या के पासपोर्ट को रद्द करना और गैर-जमानती वारंट जारी करने को लेकर मुंबई में अदालत का दरवाजा खटखटाना शामिल है। अधिकारियों ने कहा कि मामले में जांच को आगे बढ़ाने के लिए उपयुक्त कार्रवाई की जाएगी।
सूत्रों के मुताबिक ईडी या तो माल्या के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी करने को लेकर मुंबई में अदालत का दरवाजा खटखटा सकता है या फिर विदेश मंत्रालय के अधीन आने वाले पासपोर्ट प्राधिकरण को पत्र लिखकर पासपोर्ट रद्द करने को कह सकता है। माल्या के नौ अप्रैल को तीसरी बार जांच एजेंसी के समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित नहीं होने को लेकर प्रवर्तन निदेशालय का मुंबई स्थित क्षेत्रीय कार्यालय अगले कदम को लेकर कानूनी दस्तावेज तैयार कर रहा है। माल्या ने पिछले सप्ताह मामले में जांच अधिकारी (आईओ) को सूचित किया कि वह व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर अपना बयान देने में असमर्थ हैं। उन्होंने कर्ज मामले के निपटान के लिये उच्चतम न्यायालय में जारी कानूनी कार्यवाही का हवाला दिया। हालांकि उन्होंने कहा कि उनकी कानूनी टीम ईडी को जांच आगे बढ़ाने में मदद कर सकती है।
एजेंसी ने माल्या को ताजा समन जारी कर उन्हें नौ अप्रैल को उपस्थित होने को कहा था। इससे पहले उन्हें 18 मार्च तथा दो अप्रैल को ईडी के समक्ष उपस्थित होना था लेकिन आधिकारिक कारणों का हवाला देते हुए उन्होंने उपस्थित होने के लिये समय मांगा था। इससे पहले, ईडी अधिकारियों ने कहा था कि अगर आरोपी तीन बार समन जारी होने पर उपस्थित नहीं होता है ईडी पासपोर्ट रद्द कर सकता है या गैर-जमानती वारंट जारी कर सकता है। मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक कानून के तहत समन जारी करने की यह अधिकतम सीमा है। इससे पहले, ईडी अधिकारियों ने संकेत दिया था कि माल्या को नौ अप्रैल का समन संभवत: आखिरी हो सकता है। शराब कारोबारी विभिन्न बैंकों के 9,000 करोड़ रुपए के अधिक के कर्ज नहीं लौटाने को लेकर कार्यवाही का सामना कर रहे हैं। न्यायालय ने माल्या को देश और विदेश में अपने और परिवार के नाम पर जो भी संपत्ति है, उसका खुलासा 21 अप्रैल तक करने को कहा है।