नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ED) के प्रमुख करनाल सिंह ने इस एजेंसी को मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामलों में स्वतंत्र रूप से मामले दर्ज करने का अधिकार देने की वकालत की ताकि अगर अदालत किसी अन्य एजेंसी द्वारा दाखिल पहली FIR को खारिज भी कर दे तो उसकी जांच प्रभावित नहीं हो।
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उन्होंने कहा कि इस मामले में एजेंसी एक तरह से तीन टांग वाली दौड़ का हिस्सा बन गई है और अनेक अदालतों का मानना है कि अगर किसी अनुसूचित एजेंसी का मामला खारिज हो जाता है तो ED का मामला तो स्वत: ही विफल हो जाएगा। सिंह ने कहा कि मनी लांड्रिंग निरोधक कानून (PMLA) के तहत नियम अलग हैं इसलिए यह बदलना चाहिए।
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उल्लेखनीय है कि मौजूदा व्यवस्था में ED केवल CBI जैसी अन्य एजेंसी की FIR के आधार पर ही मामला दर्ज कर सकता है। ED अपने स्तर पर स्वतंत्र रूप से मनी लॉन्ड्रिंग की जांच नहीं कर सकता।