मुंबई। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने NSEL (नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड) स्कैम में कथित तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग होने की जांच के सिलसिले में 135 करोड़ रुपये मूल्य के म्यूचुअल फंड्स जब्त किए हैं। ED के जोनल ऑफिस ने फाइनेंशियल टेक्नोलॉजीज लिमिटेड (FTIL) के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत प्रोविजनल ऑर्डर जारी किए थे। FTIL अब मेसर्स 63 मूंस टेक्नोलॉजीज लिमिटेड नाम से जानी जाती है।
यह भी पढ़ें : Reliance Jio बनी दूसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी, 10 करोड़ के पार पहुंची ग्राहकों की संख्या
ED ने कहा
- 63 मूंस टेक्नोलॉजीज लिमिटेड के कब्जे में जो 135 करोड़ के बांड्स थे, उनको अस्थाई तौर पर जब्त कर लिया गया है।
- मामले में कुल 2191 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त हो चुकी है।
- जांच में पता चला है कि नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (NSEL) डिफॉल्टर के लिए एक प्लेटफॉर्म की तरह काम कर रहा था और कई तरह की फीस और पेनाल्टी के जरिए कमाई कर रहा था।
- ऐसे पेपर ट्रांजैक्शन के जरिए 2008-09 से 2013-14 के बीच NSEL की सकल आय 1,112.03 करोड़ रुपए रही थी।
- इसके पोर्टल पर जो ट्रेड होते थे, उसकी कीमत के बराबर का सामान अलग नहीं रखा जाता था और इस बात की जानकारी NSEL के एग्जिक्यूटिव्स को होती थी।
यह भी पढ़ें : SBI में पांच सहयोगी बैंकों के विलय का रास्ता हुआ साफ, सरकार ने दी अपनी अंतिम मंजूरी
FTIL पर कसा ED का शिकंजा
- मामले में FTIL के रोल के बारे में ED ने कहा कि सभी सर्कुलर पर बोर्ड मीटिंग में चर्चा होती थी।
- NSEL के बोर्ड में FTIL के टॉप मैनेजमेंट के लोग थे।
- NSEL में 99.99% शेयरहोल्डिंग होने के चलते NSEL के हर कामकाज में FTIL का पूरा दखल था।
- वह NSEL के बोर्ड में डायरेक्टर्स अप्वाइंट करती थी और उनके जरिए कंपनी के कामकाज पर कंट्रोल रखती थी।