नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में सूरत के सर्राफा व्यापारी की 1.12 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है। यह मामला 2016 की नोटबंदी (demonetization) से जुड़ा है, जिसमें सर्राफा व्यापारी और उससे जुड़े अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच चल रही है। एजेंसी ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कहा कि ज्ञानदीप सहकारी आवास समिति में 97.85 वर्गमीटर का एक फ्लैट और गुजरात के हीरा कारोबारी के सूरत में 1,800 वर्गफुट की दुकान, जिसकी कीमत 94.12 लाख रुपये आंकी गई है, को अस्थाई रूप से कुर्क किया गया है। इसके अलावा शाह मगनलाल गुलाबचंद चोकसी फर्म की 18 लाख रुपये की सावधि जमा राशि को भी मनी लॉन्ड्रिंग रोधी कानून के तहत अस्थाई तौर पर जब्त किया गया है।
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कंपनी के प्रवर्तक सर्राफा कारोबारी हेमांशु आर शाह हैं। कुर्क की गई कुल संपत्ति का मूल्य 1.12 करोड़ रुपये है। ईडी की ओर से जारी वक्तव्य में कहा गया है कि यह मामला तब प्रकाश में आया जब शाह ने नीरव एंड कंपनी के खाते में 2016 में नोटबंदी के समय बंद कर दिए गए नोटों में 36.14 करोड़ रुपये की राशि जमा कराई। यह खाता सूरत के पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक में था।
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गौर तलब हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर 2016 को उस समय प्रचलन में रहे 500 और 1,000 रुपये के नोटों पर तुरंत प्रभाव से रोक लगा दी थी। ईडी का आरोप है कि जैसे ही यह राशि जमा कराई गई उसके तुरंत बाद 34.82 करोड़ रुपये की राशि उनकी कंपनी शाह मगनलाल गुलाबचंद चोकसी में स्थानांतरित कर दी गई। इस धन हस्तांतरण को वाजिब दिखाने के लिए सोना, चांदी बिक्री के फर्जी बिल बनाए गए। ईडी ने इस समूचे मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो की प्राथमिक सूचना रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद शाह, चोकसी और सूरत पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। सीबीआई ने आयकर विभाग की जांच के आधार पर मामला दर्ज किया था।
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