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Bank of Baroda scam: ईडी ने दो और लोगों को किया गिरफ्तार, 6000 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप

बैंक ऑफ बड़ौदा (बॉब) की अशोक विहार शाखा से कथित रूप से 6,000 करोड़ रुपए बाहर भेजे जाने के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दो लोगों को गिरफ्तार किया।

Dharmender Chaudhary
Published on: February 26, 2016 11:10 IST
Bank of Baroda scam: ईडी ने दो और लोगों को किया गिरफ्तार, 6000 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप- India TV Paisa
Bank of Baroda scam: ईडी ने दो और लोगों को किया गिरफ्तार, 6000 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप

नई दिल्ली। बैंक ऑफ बड़ौदा (बॉब) की अशोक विहार शाखा से कथित रूप से 6,000 करोड़ रुपए बाहर भेजे जाने के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दो लोगों को गिरफ्तार किया। दोनों भाई हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि वरुण और गौरव भाटिया को मनी लॉन्ड्रिंग रोधक कानून (पीएमएलए) के अंतर्गत गिरफ्तार किया गया। बाद में उन्हें एक अदालत में पेश किया गया जिसने दोनों भाइयों को एक मार्च तक पांच दिन की हिरासत में भेज दिया।

दोनों भाइयों पर 100 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप  

सूत्रों ने कहा कि इन भाइयों को गुरुवार को एजेंसी के कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया गया था, लेकिन बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया क्योंकि वे सहयोग नहीं कर रहे थे। सूत्रों ने दावा किया कि इन भाइयों ने तीन कंपनियां बनाई थीं और हांगकांग और अन्य विदेशी जगहों पर विदेशी विनिमय और पीएमएलए कानून का उल्लंघन कर करीब 100 करोड़ रुपए भेजे थे।

क्या है बैंक ऑफ बड़ौदा का पूरा मामला

मार्केट कैपिटलाइजेशन के मामले में भारत का दूसरा सबसे बड़ा सार्वजनिक बैंक बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) इस समय मुश्किल में है। बैंक पर गैरकानूनी ढंग से 6000 करोड़ रुपए का कालाधन देश से बाहर भेजने का आरोप लगा है। बैंक ने बीएसई को बताया कि 13 मई 2014 से 20 जून 2015 के बीच अशोक विहार ब्रांच में 59 करेंट एकाउंट खोले गए। इन एकाउंट की मदद से बड़ी मात्रा में विदेशी राशि विदेशों में भेजी गई। अगस्‍त 2015 तक कुल 5853 विदेशी मुद्रा ट्रांजैक्शन हुए, जिसमें 54.61 करोड़ (3500 करोड़ रुपए) डॉलर की राशि शामिल है। यह ट्रांजैक्शन इंपोर्ट के लिए एडवांस पेमेंट के तौर पर किया गया था। यह धन तकरीबन 400 पार्टियों को ट्रांसफर किया गया, इनमें से अधिकांश पार्टियां हांगकांग की थीं, जबकि एक यूएई में है। इन सभी ट्रांजैक्शन के लिए ब्रांच ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन कानून (फेमा) की गाइडलाइंस का पालन नहीं किया।

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