नई दिल्ली। नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने गुरुवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में मौजूदा वित्त वर्ष के लिए अलग अलग संस्थानों के द्वारा दिए गए अनुमानों से कम गिरावट दर्ज हो सकती है। इसके साथ ही उन्होने इस बात पर जोर दिया कि सरकार का अगला राहत पैकेज ऐसे इंफ्रा प्रोजेक्ट पर फोकस होना चाहिए जो छोटी अवधि में पूरा होकर परिणाम देने लगें।
पब्लिक अफेयर्स फोरम ऑफ इंडिया के द्वारा आयोजित एक वर्चुअल इंवेट ने नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा कि अब लग रहा है कि स्थितियां उतनी बुरी नहीं होगीं जितने का अनुमान दिया गया है, और फिलहाल पूरे वित्त वर्ष के लिए ऐसे संकेत नहीं हैं जिसके मुताबिक अर्थव्यवस्था में इस साल 9.5 या 10 फीसदी की गिरावट देखने को मिलेगी जैसे पहले सोचा गया था। उनके मुताबिक अगस्त और सितंबर के दौरान अर्थव्यवस्था में रिकवरी काफी अच्छी रही है, और कई अहम संकेतकों से इसकी जानकारी भी मिल रही है। उन्होने कहा कि मुझे लगता है कि तीसरी तिमाही में हम अनुमानों के मुकाबले काफी कम गिरावट देखेंगे, वहीं चौथी तिमाही में स्थितियां और बेहतर हो सकती हैं, और अगर ऐसा होता है तो हम इस वित्त वर्ष में गिरावट तो दर्ज करेंगे लेकिन वो अनुमानों से कम ही रहेगा।
रिजर्व बैंक ने मौजूदा वित्त वर्ष में 9.5 फीसदी की गिरावट का अनुमान दिया है। वहीं आईएमएफ ने 10.3 फीसदी और वर्ल्ड बैंक ने 9.6 फीसदी की गिरावट का अनुमान दिया है। हालांकि लगभग सभी अनुमानों में अगले साल तेज रिकवरी की भी बात कही गई है। कोरोना संकट की वजह से भारत में लॉकडाउन के बाद आर्थिक गतिविधियों में तेज गिरावट देखने को मिली थी। मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में इसी वजह से रिकॉर्ड 22.8 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई थी। हालांकि लॉकडाउन खुलने के साथ साथ अर्थव्यवस्था में रिकवरी के शुरुआती संकेत दिखने लगे हैं, और अनुमान लगाया जा रहा है कि अर्थव्यवस्था जल्द पटरी पर लौट सकती है।