नई दिल्ली। आरबीआई के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि अर्थव्यवस्था सही दिशा में जा रही है। हालांकि, जीडीपी के सच्चे आंकड़े एक प्रतिशत कम ज्यादा हो सकते हैं। उन्होंने अच्छे मानसून और बाजार में आत्म-विश्वास बढ़ने के साथ आर्थिक वृद्धि और तेज होने के प्रति विश्वास जताया है। राजन ने कहा, मैं उम्मीद करूंगा कि अच्छे मानसून, मजबूत ग्रामीण मांग, बाजार के बढ़ते विश्वास के साथ साथ सार्वजनिक निवेश की गति बढ़ेगी। इन सबके अलावा निजी निवेश की जरूरत होगी।
राजन ने कहा, हमें कुछ दूरी तय करनी होगी। मैं यह नहीं कह रहा कि अर्थव्यवस्था वहां है जहां उसे होना चाहिए। हमें अभी और काम करने हैं। निजी निवेश के मजबूती के साथ पटरी पर लौटने पर ही हम जश्न मना सकते हैं और मेरा मानना है कि हम उससे कहीं अधिक मजबूत वृद्धि में सक्षम हैं जो हमारी आज है। नई गणनाओं पर आधारित जीडीपी आंकड़ों को लेकर विवाद पर राजन ने कहा कि सांख्यिकी विदों ने यथासंभव अच्छा काम किया है और लागत में कमी के कारण आर्थिक वृद्धि काफी ऊंची हुई है। राजन ने कहा, और वास्तव में, हमारे लिए बदलाव ही मायने रखता है। यह यह बदलाव मोटे तौर पर सकारात्मक दिशा में है। मुझे लगता है कि दिशा में हमारा बदलाव शुरू हो रहा है। उन्होंने कहा कि जीडीपी आंकड़ों में कुछ उतार चढ़ाव हो सकता है, संभवत: यह सच्चे आंकड़ों से एक एक प्रतिशत ऊपर-नीचे हो।
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह घोषित जीडीपी आंकड़ों के अनुसार 2015-16 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 7.6 प्रतिशत रही। इस तरह से भारत दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था रहा लेकिन मुख्य सांख्यिकीविद टीसीए अनंत ने जीडीपी आंकड़ों में विसंगतियां स्वीकार की हैं। अनंत ने कहा कि सरकार राष्ट्रीय आय या जीडीपी डेटा की गणना में विसंगतियों को कम से कम करने का प्रयास कर रही है। राजन के अनुसार कह सकते हैं कि ऊंचे जीडीपी आंकड़े वास्तविकता को परिलक्षित नहीं करते।