जयपुर। जाने माने अर्थशास्त्री और नीति आयोग के उपाध्यक्ष प्रो. अरविन्द पनगढ़िया ने कहा कि किसी भी सरकार का आकलन उसके कार्यकाल के दौरान हुई प्रगति पर आधारित होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की पहल से आने वाले वर्षों में आर्थिक वृद्धि की रफ्तार और तेज होगी और गरीबी कम होगी। पनगढि़या ने कहा कि वर्तमान सरकार के मेक इन इंडिया कार्यक्रम के समक्ष कई चुनौतियां हैं। इसके समक्ष बैंकों की दशा में सुधार करना तथा विनिर्माण क्षेत्र में विकास दर को बढ़ाने की चुनौती है ताकि अधिकाधिक रोजगार के अवसर मुहैया कराए जा सके। नीति के कार्यान्वन और परिणामों के बीच काफी अंतराल हैं। लेकिन आने वाले वर्षों में हमें बढ़ी हुई वृद्धि दर और गरीबी की दर में कमी देखने को मिलेगी।
पनगढि़या ने कहा कि एक दशक में लम्बे विराम के पश्चात सरकार अर्थव्यवस्था को सुधार के पथ पर लाई है। हालांकि, इस सरकार ने पुरानी गलतियों को सुधारने की दिशा में काफी हद तक प्रगति की है लेकिन अभी बहुत कु किया जाना बाकी है। उन्होंने योजना आयोग के स्थान पर नीति आयोग बनाये जाने को सही ठहराया। वर्तमान में नीति आयोग सात वर्षीय नीति तथा तीन वर्षीय अल्पकालीन समष्टिगत योजना के साथ 15 वर्षीय दीर्घावधि योजना पर कार्य कर रहा है। पनगढि़या ने कहा कि संप्रग एक कार्यकाल तो ठीक रहा लेकिन संप्रग दो में नीतिगत अपंगता के कारण अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान हुआ। एक समय तो ऐसा लगा कि देश फिर से 1991 के संकट की की तरफ बढ़ रहा है।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने कहा कि आज अर्थव्यवस्था संप्रग दो के अंतिम वर्ष की तुलना में कहीं बेहतर हैं। अनेक परियोजनाओं को हरी झंडी दिखाते हुए सरकार ने इस कार्य को सफलता-पूर्वक पूरा किया। उन्होंने सरकार द्वारा कोयला तथा अन्य प्राकृतिक संसाधनों की नीलामी में पारदर्शिता लाने, एफडीआई और श्रम सुधारों को बढ़ाने, कर सरलीकरण तथा कंपनियों के बंद करने के नियमों को सरल बनाने जैसे कदमों का उल्लेख किया। पनगढि़या ने मोदी सरकार की स्मार्ट सिटी योजना की भी चर्चा की। सामाजिक क्षेत्र के सुधार कार्यक्रमों पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि बहुत सारे बेनामी खातों के कारण वृहद सामाजिक कार्यक्रम जैसे सार्वजनिक वितरण प्रणाली, उर्वरकों तथा एल.पी.जी. सिलेंडरों पर मिलने वाली सब्सिडी का दुरुपयोग होता रहा है। प्रत्यक्ष लाभ अंतरण तथा आधार कार्ड व्यवस्था द्वारा सब्सिडी के दुरुपयोग को रोकने में मदद मिली।