नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद बैंकों की क्रेडिट ग्रोथ (उधारी कारोबार) में ऐतिहासिक गिरावट आई है। 23 दिसंबर को बैंकों की क्रेडिट ग्रोथ गिरकर ऐतिहासिक निचले स्तर 5.1 फीसदी पर आ गई है। SBI (स्टेट बैंक ऑफ इंडिया) के चीफ इकॉनमिस्ट सौम्य कांति घोष के मुताबिक क्रेडिट ग्रोथ का यह 60 साल का निचला स्तर है। हालांकि ब्याज दरें कम होने से हाउसिंग सेक्टर में छाई मंदी दूर हो सकती है।
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SBI की रिपोर्ट में हुआ खुलासा
- भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की एक रिपोर्ट में गुरुवार को यह बात कहीं गई। SBI की ‘इकॉनरैप-ऋणवृद्धि पर सट्टेबाजी’ रिपोर्ट में बताया गया है कि ‘कम क्रेडिट ग्रोथ चिंता की बात है।
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ऐतिहासिक निचले स्तर पर पहुंची क्रेडिट ग्रोथ
- SBI रिपोर्ट के मुताबिक सभी शेड्यूल्ड कमर्शल बैंकों के डेटा इस तरफ इशारा करते हैं कि क्रेडिट ग्रोथ साल-दर-साल 23 दिसंबर को ऐतिहासिक निचले स्तर पर गिरकर 5.1 फीसदी पर आ गई है।
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क्रेडिट ग्रोथ में आई 5229 करोड़ रुपए की बड़ी गिरावट
- रिपोर्ट में कहा गया, 11 नवंबर और 23 दिसंबर के बीच की अवधि के दौरान क्रेडिट ग्रोथ में 5229 करोड़ रुपए की गिरावट आई है, जबकि इस दौरान बैंकों की जमा राशि में करीब 4 लाख रुपए की वृद्धि हुई है।
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हाउसिंग सेक्टर को मिलेगा सपोर्ट
- ब्याज दरों में एक बार में 0.90 फीसदी की कटौती हो चुकी है। इससे स्पष्ट रूप से हाउसिंग सेक्टर को मजबूती मिलेगी। भारतीय स्टेट बैंक ने 1 जनवरी से लेकर तीन साल तक की अवधि वाले ऋणों की दर में 0.90 फीसदी की कटौती की थी।
आपको हुआ ये फायदा
नोटबंदी के बाद से ही कहा जा रहा था कि बैंक अपनी ब्याज दरों में कटौती कर सकते हैं। लिहाजा सरकारी और प्राइवेट बैंकों ने नए साल की शुरुआत में अपने बेस लेंडिंग रेट में कटौती का ऐलान कर दिया। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) और पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के बाद निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक ICICI ने भी ब्याज दर में 0.70 फीसदी की कटौती का ऐलान कर दिया है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक ब्याज दरों में अभी तक की सबसे बड़ी कटौती है।