नई दिल्ली। आम बजट 2021-22 के लिए आयोजित होने वाले संसद के बजट सत्र के पहले दिन यानी 29 जनवरी, शुक्रवार को वित्त वर्ष 2020-21 की आर्थिक समीक्षा (Economic Survey 21) संसद के समक्ष पेश की जाएगी। हर साल केंद्रीय बजट पेश किए जाने से पहले आर्थिक समीक्षा पेश की जाती है। यह देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति और उसकी सेहत को समझने के लिहाज से सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है। इस दस्तावेज में देश की अर्थव्यवस्था के ब्रॉड प्रोस्पेक्ट, राजकोष, महंगाई दर और सभी तरह की आर्थिक गतिविधियों के बारे में विस्तार से सारी जानकारी उपलब्ध कराई जाती है। ऐसे में आपके लिए यह जानना जरूरी है कि इसका क्या महत्व होता है और इकोनॉमिक सर्वे के डॉक्युमेंट में कितने वॉल्यूम होते हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बजट-2021 को एक फरवरी को पेश किया जाएगा। बजट सत्र दो चरणों में संपन्न होगा। पहला चरण 29 जनवरी से 15 फरवरी तक आयोजित होगा। दूसरा चरण 8 मार्च से शुरू होकर 8 अप्रैल तक चलेगा। इस सत्र में कुल 33 बैठक होंगी। बजट सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ होगी और इसके बाद संसद के दोनों सदनों में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाएगा।
क्या होती है आर्थिक समीक्षा
हम सभी नए वर्ष का बजट तैयार करने से पहले हाल में बीते साल की अपनी सभी आर्थिक गतिविधियों की समीक्षा करते हैं। अपनी सेविंग्स पर गौर करते हैं, साथ ही अपने खर्च पर एक नजर डालते हैं और इसी समीक्षा के आधार पर अगले साल के खर्चों को तय करते हैं। इससे हमें अपनी वित्तीय जरूरतों और प्रबंधन को समझने में मदद मिलती है। इसी तरह देश का आगामी बजट पेश किए जाने से पूर्व चालू वित्त वर्ष की आर्थिक गतिविधियों की समीक्षा की जाती है। आर्थिक समीक्षा में एक वित्त वर्ष की अवधि की सारी वित्तीय गतिविधियों का ब्योरा होता है। वॉल्यूम-1, वॉल्यूम-2 और स्टैटिस्टिकल अपेन्डिक्स आर्थिक समीक्षा के हिस्सा होते हैं। भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) के नेतृत्व वाली समिति यह दस्तावेज तैयार करती है। वर्तमान में कृष्मूर्ति सुब्रमण्यम भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार हैं।
कौन हैं कृष्मूर्ति सुब्रमण्यम
चूंकि, आर्थिक समीक्षा से आर्थिक दृष्टि और अर्थव्यवस्था की जमीनी स्थिति का पता चलता है। ऐसे में देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार को जानना बहुत अहम होता है। मौजूदा वक्त में कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम इस अहम जिम्मेदारी को निभा रहे हैं। के सुब्रमण्यम को 2018 में सरकार का मुख्य आर्थिक सलाहकार नियुक्त किया गया था। इस पद पर नियुक्ति से पहले सुब्रमण्यम हैदराबाद के इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस में प्रोफेसर थे।
सुब्रमण्यम के लिंक्डइन प्रोफाइल के मुताबिक आईआईटी कानपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग करने के बाद उन्होंने कोलकाता स्थित आईआईएम से पीजीडीएम किया था। इसके अलावा उन्होंने शिकागो विश्वविद्यालय से भी पढ़ाई की है।
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