नई दिल्ली। भारत में 19,400 टेक्नोलॉजी-इनेबल्ड स्टार्टअप्स हैं, लेकिन उन इन्वेस्टर्स के लिए, जिन्होंने शुरुआत में निवेश किया था, उनके लिए एग्जिट वैल्यूएशन अभी भी कम बनी हुई है। यह बात सरकार ने अपने इकोनॉमिक सर्वे 2016 में कही है। इकोनॉमिक सर्वे 2015-16 में कहा गया है कि देश में स्टार्टअप सेक्टर असामान्य गतिशीलता का साक्षी है, यहां सबसे ज्यादा फोकस ई-कॉमर्स और फाइनेंशियल सर्विसेस पर है।
सर्वे में बताया गया है कि भारतीय स्टार्टअप्स ने 2015 की पहली छमाही में 3.5 अरब डॉलर की फंडिंग जुटाई है और भारत में एक्टिव इन्वेस्टर्स की संख्या 2015 में बढ़कर 490 हो गई है, जो 2014 में 220 थी। इसमें आगे कहा गया है कि तकरीबन 2000 स्टार्टअप्स को वेंचर कैपिटल या एंजेल इन्वेस्टर्स का सपोर्ट मिला हुआ है, जिसमें से 1005 स्टार्टअप्स अकेले 2015 में बने हैं।
सर्वे में कहा गया है कि स्टार्टअप्स में एग्जिट वैल्यूएशन अभी भी बहुत कम है। सर्वे में कहा गया है कि भारत में जनवरी तक 19,400 टेक्नोलॉजी इनेबल्ड स्टार्टअप्स हैं, जिसमें से 5,000 अकेले 2015 में शुरू हुए हैं। भारत के आठ स्टार्टअप्स यूनीकोर्न क्लब में शामिल हैं, जिनका वैल्यूएशन दिसंबर 2015 तक 1 अरब डॉलर से ज्यादा है। सर्वे में कहा गया है कि भारत में ई-कॉमर्स की ग्रोथ 2015-16 में 21.4 फीसदी रहने का अनुमान है और यह 17 अरब डॉलर का रहेगा। एक साल में स्टार्टअप्स की संख्या 40 फीसदी बढ़ी है और 2015 में 80,000-85,000 नए रोजगार पैदा हुए हैं। सर्वे में कहा गया है कि स्टार्टअप इंडिया प्रोग्राम से इस उभरते सेक्टर को बूस्ट मिला है।
स्टार्टअप इंडिया प्रोग्राम का लक्ष्य एग्रीकल्चर, मैन्युफैक्चरिंग, हेल्थकेयर और एजुकेशन जैसे सेक्टर में भी इन्नोवेशन आइडिया लेकर आना है। इसका प्रोग्राम का एक उद्देश्य युवाओं को जॉब खोजने वाला नहीं बल्कि जॉब देने वाला बनाना है। यह आंत्रप्रेन्योरशिप, इन्नोवेशन और भारत में नए क्रांतिकारी उत्पादों के निर्माण को बढ़ावा देगी, जिनका उपयोग पूरी दुनिया के लोग करेंगे।