नई दिल्ली। सरकार ने सोमवार को कहा कि वह जल्द विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करेगी। निवेशकों के एक वर्ग पर बजट में ऊंचा कर अधिभार लगाए जाने के बाद से विदेशी कोष भारतीय बाजारों से लगातार निकासी कर रहे हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यहां संवाददाताओं से कहा कि आम बजट में घोषणा के अलावा प्रस्तावित सॉवरेन बांड जारी करने को लेकर और कुछ नहीं किया गया है।
मंत्री ने कहा कि आर्थिक मामलों के सचिव अतनु चक्रवर्ती जल्द एफपीआई के प्रतिनिधियों के साथ विचार-विमर्श करेंगे। सीतारमण ने कहा कि मैं उनकी बात सुनने को तैयार हूं। एफपीआई ने इस महीने की एक और दो तारीख को ऋण और शेयर बाजारों से 2,881.10 करोड़ रुपए की निकासी की है।
इससे पहले जुलाई में उन्होंने पूंजी बाजारों से शुद्ध रूप से 2,985.88 करोड़ रुपए निकाल लिए। वित्त वर्ष 2019-20 के बजट में सरकार ने उच्च आय वर्ग के व्यक्तियों जिनकी कर योग्य आय दो करोड़ रुपए से पांच करोड़ रुपए के दायरे में है उनपर अधिभार को 15 से बढ़ाकर 25 प्रतिशत कर दिया है। इसी तरह पांच करोड़ रुपए से अधिक की आय पर इसे 15 से बढ़ाकर 37 प्रतिशत कर दिया गया। यह प्रावधान ऐसे एफपीआई पर भी लागू हो रहा है, जो कि भारतीय बाजारों में एक ट्रस्ट अथवा व्यक्तियों के समूह के तौर पर निवेश करते हैं।
सॉवरेन बांड जारी करने के सवाल पर सीतारमण ने कहा कि बजट में घोषणा के अलावा इस पर अभी कुछ नहीं किया गया है। वित्त मंत्रालय दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) सहित तीन विधेयकों पर काम करने में व्यस्त रहा है। बहरहाल, भारत का विदेशी मुद्रा कर्ज उसकी जीडीपी के मुकाबले इस समय दुनिया के दूसरे देशों के मुकाबले सबसे कम पांच प्रतिशत पर है।