नयी दिल्ली। भारत भ्रमण पर आने वाले विदेशियों की संख्या की वृद्धि दर जनवरी-अक्टूबर 2019 की अवधि में घट कर 2.7 प्रतिशत रही। आर्थिक समीक्षा के अनुसार यह गिरावट वैश्विक रुख के अनुरूप बतायी गयी है। शुक्रवार को संसद में पेश आर्थिक समीक्षा 2019-20 में कहा गया है कि पर्यटन क्षेत्र को किसी भी देश की आर्थिक वृद्धि के एक प्रमुख कारक के रूप में देखा जाता है। भारतीय पर्यटन उद्योग ने भी 2015 से 2017 के बीच मजबूत प्रदर्शन किया। इस दौरान विदेशी पर्यटकों की आवक में ऊंची वृद्धि दर्ज की गयी।
समीक्षा के अनुसार, 'हालांकि जनवरी से अक्टूबर 2019 में विदेशी पर्यटकों की आवक में वृद्धि सालाना आधार घट कर 2.7 प्रतिशत रही। जबकि 2018 की इसी अवधि में यह दर 5.2 प्रतिशत थी।' हालांकि यह नरमी भारत के मामले में ही नहीं है। वैश्विक स्तर पर भी अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की संख्या की वृद्धि दर 2018 में गिरकर 5.4 प्रतिशत रही जो 2017 में 7.1 प्रतिशत थी।
आवक कम होने से विदेशी मुद्रा विनिमय से होने वाली आय पर पड़ा असर
गौरतलब है कि, विदेशी पर्यटकों की आवक कम होने का असर विदेशी मुद्रा विनिमय से होने वाली आय पर पड़ा है। यह 2018 और 2019 दोनों में धीमा पड़ा है। जनवरी से अक्टूबर 2019 में पर्यटन से भारत को 24 अरब डॉलर की विदेशी मुद्रा की आय हुई। अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की आवक के मामले में 2018 में भारत का दुनिया में 22वां स्थान था जो 2017 में 26वां था।